Mukhtar Ansari Death : बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। जेल में उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिस पर उन्हें दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। माफिया मुख्तार अंसारी के नाम पर लोग थर-थर कांपते थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक टिप्पणी में मुख्तार अंसारी गैंग को देश का सबसे खूंखार आपराधिक गिरोह बताया था। आइए जानते हैं कि पूर्वांचल का डॉन कैसे बना देश के खतरनाक गिरोह का सरगना?
रौबदार मूंछों वाला मुख्तार अंसारी आज भले ही दुनिया को छोड़कर चला गया, लेकिन एक समय ऐसा था, जब पूर्वांचल में तूती बोलती थी। मुख्तार अंसारी के नाम से पूरा सूबा कांपता था। अगर राजनीतिक पार्टियों की बात करें तो भाजपा को छोड़कर वह सभी पार्टियों में शामिल रहा। मऊ और गाजीपुर समेत आसपास के जिलों में आज भी उनके नाम से लोग कांपते हैं। अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पर माफिया मुख्तार जेल में बंद था।
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कौन था माफिया डॉन मुख्तार अंसारी
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में मुख्तार अंसारी का जन्म 3 जून 1963 को हुआ था। उन पर हत्या, हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी और धमकी समेत कुल 65 केस दर्ज थे। उनके खिलाफ नई दिल्ली और पंजाब के साथ यूपी के लखनऊ, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, सोनभद्र, मऊ, आगरा, बाराबंकी, आजमगढ़ में मुकदमे दर्ज थे। वे मऊ से पांच बार विधायक बने थे और पिछले 19 साल से जेल में कैद थे। उनके खिलाफ पहला मुकदमा 1988 में दर्ज हुआ था। आजमगढ़ के संजय प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने उनके खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज कराया था, लेकिन वे कोर्ट से दोषमुक्त हो गए थे। इसके दो साल के बाद साल 1990 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ डकैती और अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था। फिर साल 1991 में अवधेश राय हत्याकांड में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ।
2005 से मुख्तार अंसारी जेल में बंद है
मऊ जिले में हिंसा भड़काने के आरोप में मुख्तार अंसारी ने अक्टूबर 2005 में गाजीपुर पुलिस के सामने सरेंडर किया था, तब से वह जेल में ही बंद है। मुख्तार पर आरोप है कि उसने कृष्णानंद राय की हत्या करवाई थी।
जानें क्या हैं चर्चित केस
- 23 जनवरी 1997 को मुख्तार अंसारी के खिलाफ भेलूपुर थाने में अपहरण का केस दर्ज हुआ था, लेकिन वे बाद में दोषमुक्त हो गए।
- मुख्तार अंसारी पर 6 फरवरी 1998 को भेलूपुर थाने में एनएसए लगा था।
- मुख्तार के खिलाफ 1 दिसंबर 1997 को धमकाने का केस दर्ज हुआ था।
- भेलूपुर थाने में उनके खिलाफ 17 जनवरी 1999 को धमकाने और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज हुआ था
- 20 जुलाई 2022 को मुख्तर अंसारी के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र सहित अन्य आरोपों में केस दर्ज हुआ था।
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ब्रजेश सिंह गैंग से कैसे हुई थी दुश्मनी
पूर्वांचल में माफिया मुख्तार और ब्रजेश सिंह एक-दूसरे के दुश्मन माने जाते थे। साल 1990 में ब्रजेश सिंह गैंग ने गाजीपुर के सरकारी ठेकों पर कब्जा किया था। इस पर दोनों गैंग आमने-सामने आ गए। यहीं से ब्रजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच दुश्मनी शुरू हुई थी।