शाहनवाज चौधरी, बुलंदशहर।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बकरी चराने के दौरान मंदबुद्धि दलित किशोरी से 50 साल के अधेड़ ने रेप किया था। जानकारी के मुताबिक, आरोपी के अलावा उसके कई अन्य साथियों ने भी पीड़िता के साथ दरिंदगी की वारदात को अंजाम दिया था। इस घटना के बाद पीड़िता प्रेग्नेंट हो गई थी। इसके बाद पीड़ित परिवार 7 माह से अपनी बेटी को लेकर न्याय के लिए भटक रहा है। आरोप है कि पुलिस ने आरोपी दरिंदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बजाय थाने में समझौता करा दिया था। इस मामले को 1 मई को न्यूज 24 ने प्रमुखता से उठाया था।
खबर का असर
इस मामले में न्यूज 24 की खबर का असर हुआ है। दलित रेप पीड़िता की एफआईआर दर्ज नहीं करने पर थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है और चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है। सीओ अनूपशहर की जांच में थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज दोषी पाए गए थे। इसके बाद एसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने थाना प्रभारी एमके त्रिपाठी को लाइन हाजिर कर दिया और चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया। एसएसपी दिनेश कुमार सिंह की इस कार्रवाई से जिले के थानेदारों में हड़कंप मच गया है।
क्या है पूरा मामला?
यह वारदात अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की है, जहां 7 माहीन पहले महज 14 साल की मंदबुद्धि दलित किशोरी जंगल मे बकरी चराने गई थी। बकरी बाजरे के खेत में चरने के लिए चली गई। आरोपी भी वहीं बकरी चरा रहा था। तभी आरोपी ने पीड़िता को बाजरे के खेत से बकरी बाहर निकालने को भेज दिया। आरोप है कि जब किशोरी खेत से बकरियों को बाहर निकाल रही थी तभी आरोपी ने उसे दबोच लिया और रेप की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद पीड़िता को घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इसीलिए दबी सहमी नाबालिग ने परिवार में इसकी जानकारी नहीं दी।
पुलिस पर उठ रहे सवाल
आरोप है कि इसके बाद वह आए दिन किशोरी के साथ जबरदस्ती करता था। इतना ही नहीं आरोपी अधेड़ ने अपने कई अन्य साथियों से भी किशोरी के दरिंदगी करवाई। फिलहाल शिकायत के आधार पर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। बताया जा रहा है कि रेप की घिनौनी वारदात इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। पुलिस की कार्यशैली पर भी न सिर्फ पीड़ित परिवार, बल्कि स्थानीय लोग भी सवाल उठा रहे हैं।