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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

क्या मुस्कान को नहीं होगी फांसी? वकील ने बताया क्या कहता है कानून?

मेरठ में सौरभ राजपूत हत्याकांड ने पूरे देश को दहला कर रख दिया है। हत्यारोपी मुस्कान रस्तोगी और साहिल शुक्ला के लिए फांसी की मांग हो रही है। हालांकि मेरठ कोर्ट के एक वकील ने मुस्कान को फांसी से बचाने का दावा पेश किया है।

Author Edited By : Sakshi Pandey Updated: Mar 31, 2025 11:03
Muskan rastogi

मेरठ मर्डर केस को कई दिन बीत चुके हैं। सौरभ राजपूत की खौफनाक हत्या के बाद दोनों आरोपी मुस्कान रस्तोगी और साहिल शुक्ला पुलिस की हिरासत में हैं। दोनों ने सरेआम अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पूरा देश मुस्कान और साहिल के लिए सख्त सजा की मांग कर रहा है। हालांकि इसी बीच एक वकील ने मुस्कान को बचाने का दावा किया है। उनका कहना है कि मुस्कान को फांसी किसी हालत में नहीं होगी। आइए जानते हैं क्यों?

फ्री में केस लड़ने की पेशकश

मेरठ के जिला न्यायालय में प्रेक्टिस करने वाले वकील मोहम्मद इकबाल ने मुस्कान का केस फ्री में लड़ने की पेशकश की है। साथ ही उन्होंने गारंटी ली है कि मुस्कान को फांसी नहीं होगी। वहीं जब एडवोकेट एकबाल से इसकी वजह पूछी गई, तो उन्होंने कानून की अनगिनत धाराएं गिनानी शुरू कर दी। उनका दावा है कि इस केस में मुस्कान को फांसी नहीं हो सकती है।

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क्या किया ऐसा दावा?

मीडिया से बातचीत के दौरान मोहम्मद इकबाल ने कहा कि जिस तरह के सबूत मिले हैं, उनके तहत मुस्कान को फांसी नहीं हो सकती है। मुस्कान के खिलाफ कोई भी डायरेक्ट एविडेंस (सीधा सबूत) मौजूद नहीं है कि उसने ही सौरभ का कत्ल किया है। मुस्कान को गुनेहगार साबित करने के लिए पुलिस को कड़ी से कड़ी जोड़नी पड़ेगी। अगर कड़ी कहीं से टूटी तो मुस्कान को फांसी नहीं हो सकती है।

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क्या कहता है कानून?

मोहम्मद इकबाल ने कानून का हवाला देते हुए कहा कि CrPC की धारा 437 में बच्चों और महिलाओं पर रहम बरतने का प्रावधान है। ऐसे में अगर किसी महिला और बच्चे से गंभीर अपराध हो जाता है तो उसके खिलाफ सजा में थोड़ी नरमी बरती जाए। साहिल के बारे में इसका दावा नहीं कर सकते, लेकिन मुस्कान को फांसी से बचाया जा सकता है।

पुलिस के पास गवाहों का अभाव

मोहम्मद इकबाल का कहना है कि अगर मुस्कान चाहेगी तो मैं उसका केस जरूर लड़ूंगा। इसके लिए मुस्कान को मेरे वकालतनामे पर दस्तखत करना होगा। इस मामले में पुलिस ने आंखों देखे साक्ष्य जुटाए हैं। मुस्कान के खिलाफ डायरेक्ट एविडेंस कहीं नहीं है। पुलिस के पास कोई भी ऐसा गवाह नहीं है, जो पुष्टि करे कि मुस्कान ने उसके सामने साहिल की हत्या की।

मुस्कान ने नहीं कबूला जर्म

मोहम्म इकबाल के अनुसार एविडेंस एक्ट 25 के तहत पुलिस के सामने कबूला गया गुनाह गवाही में नहीं गिना जाता है। जब मुस्कान को पहली बार CGM के आगे पेश किया गया, तो भी उसने अपना गुनाह नहीं कबूला। अगर वो ऐसा करती तब वो गुनाह की हकदार होती। तब किसी जांच-पड़ताल की जरूरत न पड़ती। हालांकि मुस्कान ने ऐसा नहीं किया, इसलिए केस काफी हद तक मुस्कान के पक्ष में हो सकता है।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Mar 31, 2025 10:55 AM

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