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‘अखिलेश पहले अपने गिरेबान में झांकें’, मायावती ने मुलायम के ‘आशीर्वाद’ का भी किया जिक्र

Mayawati statement on Akhilesh Yadav : उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सपा और भाजपा के संबंधों को उजागर किया है।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Jan 7, 2024 14:06
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BSP Chief Mayawati Lok Sabha Election 2024
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने हरियाणा की हार के लिए जाट वोटरों पर ठीकरा फोड़ा था।

Mayawati statement on Akhilesh Yadav : उत्तर प्रदेश में बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने समाजवादी पार्टी (SP) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को दूसरे पर तंज कसने से पहले खुद के गिरेबान में झांककर देख लेना चाहिए। साथ ही मायावती ने अपने बयान में उनके पिता मुलायम सिंह यादव के उस आशीर्वाद का भी जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने संसद में मोदी के दोबारा पीएम बनने की कामना की थी।

बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो ने रविवार को एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव पर पलटवार किया है। उन्होंने अपने पहले पोस्ट में लिखा है कि बसपा पर अनर्गल तंज कसने से पहले सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपने गिरेबान में भी झांककर जरूर देखना चाहिए। बीजेपी को आगे बढ़ाने और उनसे संबंध रखने के मामले में उनका दामन दागदार है। साथ ही उन्होंने कहा कि सपा दलित विरोधी पार्टी है।

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भाजपा और सपा में रहा है मेलजोल

मायावती ने अपने दूसरे पोस्ट में मुलायम सिंह का जिक्र करते हुए लिखा कि लोकसभा चुनाव जीतने से पहले और उसके बाद तत्कालीन सपा प्रमुख (मुलायम सिंह यादव) द्वारा भाजपा को दिए गए आशीर्वाद को कौन भुला सकता है। केंद्र में बीजेपी सरकार आने के बाद उनके नेतृत्व और सपा नेतृत्व के मेलजोल को भी जनता जानती है। अब समाजवादी पार्टी के लिए उचित होगा कि वो सांप्रदायिक ताकतों से लड़े।

उन्हें (मायावती) परेशान होने की जरूरत नहीं : अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने मायावती के सवाल पर कहा कि हम इंडिया के साथ चुनाव लड़ रहे हैं और गठबंधन अपना काम कर रहा है। उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मेरे कपड़े भी अधिवक्ता भाइयों से मेल खाते हैं। इस बार परिवर्तन होना तय है ये आपका जोश बता रहा है। बिना पीडीए के देश का विकास होने संभव नहीं है। अगर फेरन लवली ने अपना नाम बदल लिया तो इस नाम को भी बदल देंगे। जो सबसे ज्यादा क्रीम चलती थी और उसका भी नाम बदल गया। 2024 में परिवर्तन बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर इस बार परिवर्तन नहीं हुआ तो हमें मतदान करने का अधिकार नहीं मिलेगा।

अखिलेश यादव ने मायावती पर कसा था तंज

आपको बता दें कि इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में अखिलेश यादव ने मायावती के शामिल होने पर आपत्ति जताई थी। इस पर मायावती ने पटलवार करते हुए कहा था कि कब कौन कहां काम आए, ये किसी को पता नहीं है। सपा के अध्यक्ष ने शनिवार को बलिया में बसपा सुप्रीमो पर तंज कसा है। उन्होंने बसपा के शामिल होने के सवाल पर कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद का भरोसा कौन दिलाएगा।

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Written By

Deepak Pandey

First published on: Jan 07, 2024 01:53 PM

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