गोरखपुर (अजीत सिंह): ‘भारत रत्न’, जैसा कि नाम से ही साफ है कि इसे हासिल करने वाला कोई ऐरा-गैरा नत्थूखैरा नहीं होगा। राजीव गांधी देश में गिने-चुने नाम ही हैं, जिनके साथ यह सम्मान जुड़ा हुआ है। अब आपको यह जानकर हैरानी होगी कि किराये के मकान में रहने वाला एक मामूली ड्राइवर अपने आप को इस सम्मान के काबिल मानता है। उसने एकदम खुले मंच पर आकर अपनी इस मांग से लोगों को अवगत कराया है। यह अजब मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से है। भारत रत्न की डिमांड करने वाले दो बच्चों के पिता विनोद गौड़ का कहना है कि यह उनकी अंतर आत्मा की आवाज है। अपनी इस अनोखी डिमांड के लिए प्रशासन को पत्र भी लिखा है, जो कई सरकारी दफ्तरों से पास होते हुए भारत सरकार को भेज भी दिया गया है और अब इसकी कॉपी सोशल मीडिया पर वारल हो रही है। बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे गोरखपुर के विनोद गौड़ के पत्र में विनोद गौड़ ने भारत रत्न पाने के लिए रीजन भी लिखा है। इस पत्र पर गोरखपुर के कमिश्नर, डीएम और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की मुहर भी लगी हुई है।
दावा, साधना में लीन था, तभी अंतर आत्मा से आई आवाज
पिपराइच एरिया के मूल निवासी विनोद गौड़ पत्नी और दो बच्चों के साथ छात्रसंघ चौक कालेपुर में किराये के मकान में रहते हैं और तारामंडल स्थित एक आश्रम में गाड़ी चलाते हैं। उन्होंने बताया कि वह 31 सितंबर 2023 को ध्यान साधना में लीन थे, तभी उनके अंदर से तेज आवाज आने लगी, ‘मुझे भारत रत्न चाहिए’। यह बात उनके दिल में घर कर गई। जहां भी जा रहे थे, वहीं पर यह एक बात अंदर गूंज रही थी। फिर उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता का पाठ किया और ध्यान साधना में बैठ गए। विनोद ने बताया, ‘साधना के दौरान ही मेरे सामने प्रभु प्रकट हुए। प्रभु ने चार लोगों के नाम बताए और कहा कि वही तुम्हें भारत रत्न दिला सकते हैं’।
तीन जगह से लगी निराशा हाथ
विनोद के दावे पर गौर करें तो भगवान ने पहला नाम पैडलेगंज चौकी इंचार्ज, दूसरा एसएचओ कैंट, तीसरा सांसद रवि किशन और चौथा नाम कमिश्नर का बताया है। इसके बाद वह सबसे पहले चौकी इंचार्ज के पास गए, लेकिन वहां मौजूद पुलिस वालों ने उनकी बात को मजाक में उड़ा दिया। इसके बाद एसएचओ कैंट से भी निराशा हाथ लगी तो फिर अपने आश्रम के स्वामी से संपर्क करके सासंद रवि किशन से मिलने की कोशिश की, लेकिन वहां भी कोई हल नहीं निकला।
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कमिश्नर को भेजे पत्र का आया जवाब
विनोद ने बताया कि 11 अक्टूबर को उन्होंने कमिश्नर को एक पत्र भेजा, जो कमिश्नर, डीएम, मजिस्ट्रेट और तहसीलदार के पास पहुंचा। इसके बसद लेखपाल ने उसके पास कॉल करके बताया कि आपका पत्र भारत सरकार को भेज दिया गया है। जैसा भी जवाब आता है, आपको बताया जाएगा।
चिट्ठी वायरल होने के बाद घर वालों के पास आ रहे फोन
विनोद भारत रत्न पाने के लिए बेचैन है। उसने जो पत्र प्रशासन को भेजा है, उसमें एक नंबर अपना तो दूसरा घर का डाल दिया है। अब यह पत्र न जाने कैसे सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है और इसे देखकर लखनऊ, दिल्ली समेत बहुत सी जगहों से घर वालों के पास फोन आ रहे हैं। विनोद के बच्चों का कहना है कि उसे जब लोगों के फोन आने शुरू किए, तब इसकी जानकारी हुई है कि उनके पिता ने भारत रत्न की डिमांड की है।