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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

55 आदमखोरों का किया शिकार, गढ़वाली भाषा में बनेगी फिल्म; जानें कौन थे लखपत सिंह रावत?

उत्तराखंड का नाम बॉलीवुड में रोशन कर रहे पांडेय जी के नाम से मशहूर निर्देशक हेमंत पांडेय अब एक सच्ची घटना पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। ये फिल्म लखपत सिंह रावत नाम के शिकारी के ऊपर बनने जा रही है। अपनी आने वाली फिल्म 'ओ ईजा बाघ' के प्रमोशन के लिए हेमंत पांडेय रविवार को हरिद्वार प्रेस क्लब पहुंचे।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Apr 20, 2025 18:00
Lakhpat Singh Rawat

पंकज कौशिक, हरिद्वार

उत्तराखंड का नाम बॉलीवुड में चमका रहे हेमंत पांडेय अब गढ़वाली भाषा में फिल्म बनाने जा रहे हैं। पांडेय जी के नाम से मशहूर हेमंत की आने वाली फिल्म का नाम ‘ओ ईजा बाघ’ है, जो एक सच्ची घटना पर आधारित है। इस फिल्म के प्रमोशन के लिए हेमंत पांडेय रविवार को हरिद्वार प्रेस क्लब पहुंचे थे। यह फिल्म लखपत सिंह रावत नामक शिकारी के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने बच्चों की सुरक्षा के लिए टीचर की नौकरी के अलावा शिकारी का काम भी किया। लखपत सिंह रावत जिम कॉर्बेट से भी बड़े शिकारियों में शुमार हुए हैं।

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लखपत जब टीचर थे, तब एक आदमखोर बाघ ने 12 छात्रों को अपना शिकार बना लिया। ऐसे आदमखोर को मारने के लिए वे अध्यापक से शिकारी बन गए और 52 आदमखोरों का शिकार किया। अब उनकी जीवनी पर गढ़वाली-कुमाऊंनी बोली में एक फिल्म बनने जा रही है। विस्तार से लखपत सिंह रावत के बारे में जानते हैं।

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जिम कार्बेट का तोड़ा रिकॉर्ड

लखपत ने अपने जीवनकाल में 53 गुलदारों और 2 बाघों का शिकार किया। वे संकट की स्थिति में वन विभाग और स्थानीय लोगों के साथ खड़े रहे। जिम कार्बेट ने अपने जीवन में 33 बाघ ढेर किए थे, उनका रिकॉर्ड रावत ने तोड़ा। बंदूक से निकली उनकी गोली अचूक होती थी। लखपत ने अपने शिकार से जुड़े किस्से लोगों के बीच शेयर किए थे। लखपत मूल रूप से कुमाऊं-गढ़वाल की सीमा क्षेत्र पर पड़ते गैरसैंण गांव के रहने वाले हैं।

गुरिल्ला ट्रेनिंग में महारत

2000-2002 के बीच एक नरभक्षी बाघ ने जब 12 बच्चों को निशाना बनाया, तब अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया था। वन विभाग से अनुमति लेने के बाद रावत ने उस बाघ को ढेर कर दिया था। सीमा सुरक्षा बल (SSB) सीमावर्ती इलाकों में गुरिल्ला ट्रेनिंग देता है, जिसकी वजह से रावत को बंदूक चलाने का अनुभव था। इसके बाद जब गुलदारों के हमले बढ़ गए, तब वन विभाग लखपत राव की डिमांड करने लगा।

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उन्होंने अंतिम बार अल्मोड़ा के भिकियासैंण में 2021 में एक नरभक्षी गुलदार को ढेर किया था। सितंबर 2023 में उन्होंने खुद का यूट्यूब चैनल भी बनाया था। 31 मार्च 2024 को वे एजुकेशन डिपार्टमेंट से हेडमास्टर रिटायर्ड हुए।

First published on: Apr 20, 2025 05:44 PM

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