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कालिंदी एक्सप्रेस की टक्कर से सिलेंडर क्यों नहीं फटा? फॉरेंसिक रिपोर्ट में 3 चौंकाने वाले खुलासे

Train Accident Latest Update: कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश रचने के मामले में ताजा अपडेट सामने आया है। फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अगर ट्रेन सिलेंडर से टकराई तो वह फटा क्यों नहीं?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Sep 12, 2024 12:08
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Kalindi Express Enquiry Report
हादसास्थल पर जांच करती फोरेंसिक रिपोर्ट और पुलिस।

Kalindi Express Train Accident Latest Update: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन हादसे की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच में सामने आया है कि सिलेंडर इंजन से टकराया, लेकिन वह उछलाकर पटरियों पर नहीं गिरा, बल्कि ट्रैक के पास ही झाड़ियों में गिर गया। गनीमत रही कि सिलेंडर उछलकर पटरी पर नहीं गिरा और फटा नहीं।

अगर सिलेंडर फट जाता तो भीषण हादसा होता। ट्रेन में भी धमाका हो सकता था और लोगों की जान जा सकती थी। फोरेंसिक जांच टीम को ट्रैक के आस-पास ज्वलनशील पदार्थ का छिड़काव होने का भी पता चला, ताकि चिंगारी उठते ही आग भड़क जाए। ट्रैक के आस-पास सिलेंडर के अलावा, ज्वलनशील पाउडर, पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस भी जांच टीम को मिली है, जिन्हें कब्जे में लेकर जांच की गई।

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70 बार स्लीपर से टकराया सिलेंडर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसास्थल पर करीब 2 घंटे फोरेंसिक टीम की जांच चली। ट्रेन पलटाने की कोशिश करने के लिए इंडेन के सिलेंडर का इस्तेमाल किया गया। जांच टीम ने हादसे का सीन री-क्रिएट किया। रेलवे ट्रैक के बीच बोल्डर हटाकर सिलेंडर रखा गया। फिर टक्कर लगने और सिलेंडर घिसटने की स्थिति का मिलान करने पर पता चला कि ट्रेन के इंजन से टकराने के बाद सिलेंडर उछलकर करीब 50 मीटर पटरियों से टकराता गया।

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इस दौरान 70 से ज्यादा बार सिलेंडर ट्रैक के स्लीपरों से टकराया। गनीमत रही कि इस दौरान सिलेंडर फटा नहीं, बल्कि झाड़ियों में जा गिरा। फोरेंसिक टीम ने उन सभी निशानों पर चिह्न लगाए, जहां-जहां सिलेंडर टकराया। सिलेंडर टक्कर के बाद करीब 50 मीटर दूर 77वें स्लीपर के पास दाईं तरफ झाड़ियों में पड़ा मिला। जांच टीम का मानना है कि सिलेंडर ट्रेन के साथ घिसटता नहीं गया, बल्कि उछलकर घिसटते हुए स्लीपरों टकराता रहा।

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जांच के लिए भेजे गए 10 सैंपल

फोरेंसिक जांच टीम ने हादसे की जांच के लिए 10 सैंपल भेजे हैं। हादसे की जांच करने में पुलिस विभाग की 6 टीमें, कानपुर-लखनऊ की फोरेंसिक टीम, LIU, IB, NIA, GRP और RPF लगी हैं। 300 लोग और 54 पुलिस अधिकारी जांच कर चुके हैं। फोरेंसिक टीम ने वारदातस्थल से 10 सैंपल जुटाए। पत्थर के टुकड़े पर लगी मिट्टी, ट्रैक की खुरचन, इंजन के काउकैचर से मिला पेंट, हादसास्थल के आस-पास की मिट्टी, रेलवे ट्रैक पर मिला गंध वाला पदार्थ, सिलेंडर का खुरचा हुआ पेंट, ट्रैक पर मिला पेंट, बोतल और झोले पर मिले उंगलियों के निशान, रेलवे ट्रैक के स्लीपर पर मिले पेंट के निशान, ट्रैक के किनारे बने धार्मिक स्थल पर मिली शराब की बोतलें, झाड़ियों में पैरों से कुचले गए छोटे पौधे, पटरियों के किनारे मिली पेट्रोल से भरी बोतल की जांच की गई तो सच सामने आए।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Sep 12, 2024 10:36 AM

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