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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर को मिली अनोखी श्रद्धांजलि, UP के स्टार्टअप ने अलग अंदाज में दिया सम्मान

 उन्नाव के एक स्टार्टअप नटी विलेज ने अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर को  श्रद्धांजलि देने के लिए पीनट बटर के दो नए फ्लेवर पेश किए हैं। इसमें कॉफी-फ्लेवर वाले पीनट बटर और बारबेक्यू-स्वाद वाले पीनट बटर शामिल हैं।

Edited By : Ankita Pandey | Updated: Dec 31, 2024 21:06
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Jimmy Carter Peanut Butter Tribute: बीते रविवार को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने अपने जॉर्जिया में अपने निवास पर आखिरी सांस ली। इसके बाद  उन्नाव के एक स्टार्टअप नटी विलेज ने  कार्टर की याद में पीनट बटर की दो नए फ्लेवर पेश किए हैं और उनको  श्रद्धांजलि दी। ये सम्मान बहुत ही अनोखा और अलग था। कंपनी के को फाउंडर अमन कुमार ने कहा कि यह निर्णय कार्टर को उनके खेती के लगाव को सम्मानित करने के लिए लिया गया है। आइए इसके बारे में जानते हैं।

यूनिक तरीके से दिया सम्मान

कार्टर को पीनट फार्मिंग के चैंपियन के रूप में भी जाना जाता है। कुमार ने  बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देने के लिए  हम उनके सम्मान में कॉफी-फ्लेवर वाले पीनट बटर और बारबेक्यू-स्वाद वाले पीनट बटर की अपनी नई रेंज पेश करेंगे। कंपनी के मौजूदा डार्क चॉकलेट, गुड़ और बिना चीनी वाले फ्लेवर में दो नए पीनट बटर फ्लेवर-कॉफी और बारबेक्यू शामिल किए जाएंगे।

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उन्नाव में पीनट फार्मिंग

उन्नाव जिले के 14-15 गांवों में करीब 10,000 किसान मूंगफली उगाते हैं। इनमें से 2,000 किसान जैविक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। कुमार ने कहा कि उनके स्टार्टअप का विचार उन्नाव जिले के मूंगफली किसानों के संघर्ष से प्रेरित था। उन्होंने पीटीआई को बताया कि बिचौलियों पर निर्भरता और बाजार तक पहुंच की कमी के कारण किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर कीमत पाने में संघर्ष करना पड़ता है।

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आगे कुमार ने कहा कि नट्टी विलेज करीब 50 किसानों के साथ काम करता है और अपने पीनट बटर के लिए 5-6 किसानों से मूंगफली खरीदता है। यह महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर पीनट बटर बनाने के लिए प्राइमरी और सेकेंडरी प्रोसेसिंग दोनों कर रहे हैं, जिससे जमीनी स्तर पर आजीविका के अवसर पैदा हो रहे हैं। बता दें कि अमन कुमार ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) से सोशल एंटरप्रेन्योरशिप में मास्टर डिग्री ली है।

कुमार के साथ काम करने वाले 36 वर्षीय किसान मनीष सिंह ने कहा कि हम पहली बार अमन से तब मिले थे जब वह इस बात पर चर्चा करना चाहता था कि हम सभी बेहतर मुनाफे के लिए कैसे एक साथ काम कर सकते हैं। वह हमारे लिए बीज लेकर आया और हमने खेती के सर्वोत्तम तरीकों पर काम किया।

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Edited By

Ankita Pandey

First published on: Dec 31, 2024 09:06 PM

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