Indian Air Force Group Captain Shaliza Dhami: भारतीय वायुसेना दिवस की 91वीं वर्षगांठ पर आज उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एयर शो हुआ। बमरौली एयरफोर्स स्टेशन पर हुई परेड की कमान वायुसेना की ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी ने संभाली और ऐसा करने वाली वह पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। परेड में कुल 40 महिला अधिकारी शामिल हुई। इसमें से 31 महिलाएं अग्निवीर की टुकड़ी में शामिल रहीं। वहीं किसी भी परेड में पहली बार अग्निवीरों को भी शामिल किया गया है। परेड में कुल 361 वायु अग्निवीरों ने हिस्सा लिया, लेकिन शैलजा धामी ने जो इतिहास रचा, उसकी पूरे देश में चर्चा हो रही है। जानिए शैलजा धामी के बारे में सब कुछ…
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परमानेंट कमीशन हासिल करने वाली पहली महिला
ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी वर्ष 2003 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनी थीं। वे वायुसेना के फ्रंटलाइन IAF लड़ाकू यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनी थीं। हेलिकॉप्टर पायलट शैलजा धामी पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्हें मार्च 2023 में वायुसेना की कॉम्बैट यूनिट की कमान सौंपी गई थी। शैलजा इस समय वेस्टर्न सेक्टर में मिसाइल सक्वॉड्रन की मुखिया भी हैं। शैलजा क्वालिफाइड इंस्ट्रक्टर हैं। उन्हें करीब 2800 घंटे की उड़ान का अनुभव है। शैलजा फ्लाइंग ब्रांच की परमानेंट कमीशन हासिल करने वाली पहली महिला भी हैं।
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सरकारी स्कूल से पढ़ी, मां-बाप सरकारी अफसर रहे
सितंबर 2019 में विंग कमांडर रहीं शैलजा धामी को वायुसेना की फ्लाइंग यूनिट की पहली महिला फ्लाइट कमांडर भी बनाया गया था। शैलजा पंजाब के लुधियाना जिले के शहीद करतार सिंह सराभा गांव की रहने वाली हैं। इस गांव का नाम देश की आजादी में योगदान देने वाले शहीद के नाम पर रखा गया है। शैलजा के पिता हरकेश धामी बिजली बोर्ड के SDO रहे। मां देव कुमारी जल आपूर्ति विभाग में कार्यरत थीं। शैलजा ने सरकारी स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद घुमार मंडी के खालसा कॉलेज से BSC का कोर्स करके डिग्री ली।
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NCC ने आसमान और हवाओं से दोस्ती कराई
12वीं की पढ़ाई के दौरान NCC एयरविंग में जाना शैलजा के जीवन में निर्णायक मोड़ साबित हुआ। हिसार में ओपन ग्लाइडिंग टूर्नामेंट में स्पॉट लैंडिंग में सेकेंड टॉपर बनकर शैलजा ने आसमान और हवाओं से दोस्ती कर ली। BSC की पढ़ाई पूरी नहीं हुई थी कि फ्लाइंग एयरफोर्स में उनका सेलेक्शन हो गया। हालांकि उनकी हाइट को लेकर सेलेक्शन के दौरान असमंजस की स्थिति रही, लेकिन कुछ अड़चनों के बाद उन्हें वायुसेना में शामिल कर लिया गया। और अब उन्हीं शैलजा ने एयर शो में परेड की कमान संभाल कर इतिहास रच दिया।