Greater Noida News: भारत ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया है. पहली बार देश में तकनीकी स्रोतों से पैदा होने वाली बिजली की स्थापित क्षमता 5 लाख मेगावाट के आंकड़े को पार कर गई है. कुल बिजली उत्पादन क्षमता में अब 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा सौर, पवन, बायो और जल जैसी हरित ऊर्जा का है. यह उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की कतार में लाती है जहां स्वच्छ ऊर्जा ने पारंपरिक ईंधन-आधारित बिजली उत्पादन को पीछे छोड़ दिया है.
तकनीकी ऊर्जा का वैश्विक शक्ति केंद्र
बिजली मंत्रालय की रिपोर्ट की मानें तो वर्तमान में तकनीकी ऊर्जा से कुल 2.56 लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जो देश की कुल क्षमता का 51 फीसदी से अधिक है. इस उपलब्धि के साथ भारत अब विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तकनीकी ऊर्जा उत्पादक बन चुका है.
नेट जीरो थीम पर एक्सपो का आयोजन
इसी सिलसिले में ग्रेटर नोएडा एक्सपो सेंटर में ‘रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो 2025’ आयोजित हुआ. नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने के लिए मार्ग का निर्धारण थीम पर आधारित यह आयोजन 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक चल रहा है. इसके साथ ही द बैटरी शो इंडिया का तीसरा संस्करण भी आयोजित किया गया है.
भविष्य के लिए ऊर्जा का रोडमैप तैयार
इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कहा कि भारत की तकनीकी ऊर्जा क्षमता 2025 में 250 गीगावाट पार कर चुकी है और 2030 तक इसे 500 गीगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य है. विद्युत मंत्रालय ने 30 गीगावाट-घंटे बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के लिए 5,400 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है, जिससे 2028 तक 33 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है.
700 से अधिक प्रदर्शक
तीन दिवसीय एक्सपो में 700 से अधिक प्रदर्शक, 1,000 ब्रांड और 250 वैश्विक विशेषज्ञ शामिल हुए. एक्सपो में सौर विनिर्माण, ईवी चार्जिंग, बैटरी स्टोरेज और पवन ऊर्जा जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन हुआ. द बैटरी शो इंडिया में 350 से अधिक प्रदर्शक और 20,000 से अधिक पेशेवरों ने भाग लिया.
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