Uttar Pradesh Ghaziabad News (जुनेद अख्तर) : हिंडन एयरपोर्ट के आसपास होटल, रेस्तरां, मॉल और व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनेंगे। आवास एवं विकास परिषद अजंतापुरम योजना में एयरपोर्ट मार्ग के आसपास की जमीन पर व्यावसायिक भूखंड काटेगी। बताया जा रहा है कि काफी हद तक सहमति बन गई है। इसका सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। बुधवार को आवास विकास की एक टीम सर्वे करने पहुंची थी। करीब तीन घंटे सर्वे करने के बाद टीम वापस लौट गई।
डेढ़ हजार से अधिक यात्रियों की आवाजाही
हिंडन एयरपोर्ट सिकंदरपुर और आसपास की जमीन पर बना है। एयरपोर्ट से सटी जमीन पर आवास एवं विकास परिषद की अजंतापुरम योजना प्रस्तावित है, जिसका लेआउट तैयार हो रहा है। मार्च में हिंडन एयरपोर्ट से व्यावसायिक उड़ानों की शुरुआत होने के बाद यहां रोजाना डेढ़ हजार से अधिक यात्रियों की आवाजाही हो रही है। इन यात्रियों को एयरपोर्ट के पास ही होटल, रेस्तरां, मॉल और व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स की सुविधा देने की तैयारी चल रही है। काफी हद तक आवास विकास ने जीडीए से बात कर प्लान कर लिया है। जिस पर काम भी शुरू कर दिया गया है।
योजना के लेआउट में किया बदलाव
एयरपोर्ट सलाहकार समिति की बैठक में संपर्क मार्ग को चार लेन का बनाने के साथ ही आसपास के होटल व रेस्तरां खोलने का मुद्दा उठा, जिसे लेकर एयरपोर्ट निदेशक ने भी प्रशासन को पत्र लिखा था। प्रशासन ने आवास एवं विकास परिषद से सड़क चौड़ीकरण के लिए जमीन मांगी थी। इसी कारण परिषद ने भी अजंतापुरम योजना के लेआउट में बदलाव किया है। लेआउट पिछले माह फाइनल हो चुका था, लेकिन अब इसमें एयरपोर्ट के मार्ग के आसपास योजना की जमीन को व्यावसायिक उपयोग के लिए आरक्षित किया गया है।
यात्रियों को भी होगा फायदा
परिषद की इस योजना से यात्रियों के साथ एयरलाइंस कंपनियों को भी फायदा होगा। अभी एयरलाइंस कंपनियों के पायलट व क्रू मेंबर के रुकने के लिए दिल्ली में होटल बुक करने पड़ते हैं। उन्हें वहां से लाने-ले जाने में भी समय लगता है। एयरपोर्ट के पास होटल खुलने से काफी समय बचेगा। रेस्तरां खुलने से लोग ब्रेकफास्ट और लंच एयरपोर्ट के पास ही कर सकेंगे। एयरपोर्ट निदेशक के मुताबिक, आवास विकास की इस योजना से यात्रियों को बहुत लाभ मिलेगा।
डेढ़ किलोमीटर के दायरे में सुविधा नहीं
मेन वजीराबाद रोड से हिंडन एयरपोर्ट तक जाने वाला मार्ग करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा है। इस पूरे मार्ग पर होटल या रेस्तरां तो दूर पानी की बोतल भी नहीं मिलती। इसीलिए यात्रियों को काफी परेशानी होती है। योजना के मुताबिक इस रोड के किनारे की जमीन पूरी तरह से व्यावसायिक उपयोग के लिए रहेगी। योजना की करीब 80 फीसदी जमीन समितियों को आवंटित हो जाएगी। ऐसे में बाकी जमीन कम होने के चलते ही पूरे मार्ग पर व्यावसायिक भूखंड काटे जाएंगे ताकि सभी सुविधाएं पर्याप्त रूप से विकसित हो सके।