Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक तीन वर्षीय बच्चे के अपहरण की घटना ने ऐसा मोड़ लिया कि पुलिस ने एक अंतरराज्यीय ‘ऑन-डिमांड’ बच्चा चोरी गैंग का पर्दाफाश कर दिया। यह गैंग संगठित ढंग से बच्चों की तस्करी करता था और बच्चों को उनकी सुंदरता और डिमांड के अनुसार लाखों रुपये में बेचता था। गिरफ्तार आरोपियों में हाथरस निवासी मोनू पाठक और उसकी पत्नी नेहा शर्मा, आंध्र प्रदेश के मल्लिकार्जुन, मैदी पाटला और सुब्बा लक्ष्मी शामिल हैं। ये सभी एक सुनियोजित नेटवर्क के तहत बच्चा चोरी और बिक्री की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।
500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले
9 मई की शाम हाथरस के जागेश्वर कॉलोनी में रहने वाले प्रिंस गोस्वामी के 3.5 साल के बेटे कविश का घर के बाहर से अपहरण हो गया। शुरुआत में बच्चा खेलने के दौरान गायब हुआ मानकर तलाश की गई, लेकिन जब वह नहीं मिला तो पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। एक फुटेज में मोनू पाठक बच्चे को ले जाता नजर आया। उसके बाद वह पत्नी नेहा के साथ बस से आगरा, फिर ट्रेन से विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) रवाना हुआ।
100 से अधिक होटलों की जांच के बाद दबोचा
पुलिस ने करीब 1760 किलोमीटर का सफर तय कर विजयवाड़ा पहुंचकर संदिग्धों को ट्रैक किया। स्थानीय बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के पास 100 से अधिक होटलों की जांच के बाद एक होटल में मोनू और नेहा की एंट्री मिली, जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया। साथ ही अपहरण हुए बच्चे का भी सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया।
कई हॉस्पिटल स्टॉफ गैंग में शामिल
इस गिरोह का नेटवर्क 7 राज्यों तक फैला हुआ है। जांच में सामने आया है कि कई हॉस्पिटल स्टाफ जैसे वार्ड बॉय और नर्सें गैंग से जुड़ी थीं, जो ग्राहकों की जानकारी और बच्चे खरीदने की डिमांड गैंग तक पहुंचाती थीं। हाथरस से अगवा कविश का सौदा 1.80 लाख रुपये में तय हुआ था। पुलिस के अनुसार, गैंग बच्चों की कीमत उसकी सुंदरता और ग्राहक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर तय करता था। वहीं नवजात शिशुओं की कीमत 5 लाख तक लगाई जाती थी।
गैंग को जड़ से खत्म करेगी पुलिस
हाथरस पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार दक्षिण भारतीय आरोपियों से पूछताछ के लिए पुलिस तेलुगु ट्रांसलेटर की व्यवस्था कर रही है। इसके बाद सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनके नेटवर्क, बच्चों की कीमत तय करने की प्रक्रिया और गैंग में शामिल अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। उन्होंने बताया कि यह एक अत्यंत गंभीर अपराध है और पुलिस इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की दिशा में काम कर रही है।