Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को स्मार्ट बनाने वाला सेफ सिटी प्रोजेक्ट अंतिम चरण में पहुंच गया है. शहरभर में 2739 हाई-टेक कैमरे लगाने की जिम्मेदारी सौंपने के लिए तीन कंपनियों का चयन हुआ है, जिनका इस माह इटरव्यू किया जाएगा. सबसे योग्य कंपनी का चयन कर दिसंबर तक काम शुरू करा दिया जाएगा.
हैदराबाद का किया अध्ययन
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम हैदराबाद, पुडुचेरी, दिल्ली और गुरुग्राम के सेफ सिटी मॉडल का अध्ययन कर चुकी है. इन शहरों के बेहतर मॉडल को ध्यान में रखकर ग्रेटर नोएडा की सुरक्षा प्रणाली तैयार की जा रही है. इसके तैयार होने के बाद यह शहर पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगा.
237 करोड़ होंगे खर्च
सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत परी चैक, एलजी चैक, अमृतपुरम, जगत फार्म, चार मूर्ति, गौर सिटी गोलचक्कर समेत 350 महत्वपूर्ण स्थानों पर 2739 कैमरे लगाए जाएंगे. कैमरों में फेस रिकग्निशन, वाहन नंबर प्लेट रीडिंग और नाइट विजन जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल होंगी. इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 237 करोड़ रुपये है.
प्राधिकरण कार्यालय में होगा कंट्रोल रूम
कैमरों के लिए स्थान की पहचान ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से की जा चुकी है. इन कैमरों से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, यातायात मैनेजमेंट को भी नया स्वरूप मिलेगा. सभी कैमरों का कंट्रोल रूम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में स्थापित किया जाएगा.
ड्रोन और मोबाइल वैन से भी होगी निगरानी
परियोजना के तहत एक ड्रोन कैमरा भी तैनात किया जाएगा, जिसे भविष्य में 10 तक बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा एक मोबाइल वैन में छोटा कंट्रोल रूम तैयार किया जाएगा, जो किसी वीवीआईपी कार्यक्रम, किसान आंदोलन, धरना-प्रदर्शन या किसी आपात स्थिति में मौके पर जाकर निगरानी करेगा.
तेजी से हो रहा काम
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि पुख्ता सुरक्षा और आधुनिक यातायात प्रबंधन के लिए सेफ सिटी परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है. दिल्ली, हैदराबाद और पुडुचेरी जैसे शहरों के मॉडल का अध्ययन कर उनकी खूबियों को अपनाया गया है. लक्ष्य है कि नए साल से पहले कैमरे लगाने का काम शुरू कर दिया जाए.










