Greater Noida Railway Terminal: ग्रेटर नोएडा का बोड़ाकी रेलवे स्टेशन (Greater Noida Railway Terminal) को “मेगा” टर्मिनल के रूप में नामित किया गया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी इस रेलवे स्टेशन को वेस्ट यूपी के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है। अथॉरिटी का दावा है कि इस रेलवे स्टेशन से बिहार, पूर्वांचल, झारखंड और पश्चिम बंगाल के ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। यहां वंदे भारत एक्सप्रेस का भी संचालन किया जाएगा। वहीं ग्रेनो रेलवे टर्मिनल से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की दूरी 30 किलोमीटर है जिसे पूरा करने में करीब 1 घंटे का समय लगता है।
रोजाना 70 हजार यात्रियों का आवागमन
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, ग्रेटरनोएडा टर्मिनल के नाम से जाना जाएगा। इसे “मेगा” टर्मिनल के रूप में नामित किया गया है। ये टर्मिनल 176 हेक्टेयर के मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) का हिस्सा होगा। टर्मिनल 46 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा। जिसमें 12 प्लेटफॉर्म और रखरखाव के लिए 63 यार्ड लाइनें होंगी। स्टेशन का डिजाइन बहुस्तरीय होगा। जिसके ग्राउंड पर ट्रेन की आवाजाही होगी और ऊपरी मंजिल पर रिटेल, ऑफिस और गेस्ट हाउस होगा। अथॉरिटी सीईओ का कहना है कि इस रेलवे टर्मिनल को लेकर रेलवे अधिकारियों से वार्ता चल रही है। कई योजनाओं पर मुहर लग चुकी है और कुछ पर बात जारी है। उनका कहना है कि रेलवे टर्मिनल के तैयार होने के बाद यहां से रोजाना 70 हजार यात्रियों का आवागमन होगा। इसके अलावा दिल्ली, गाजियाबाद और आन्नद विहार रेलवे स्टेशन पर से यात्रियों का बोझ कम होगा।
3700 करोड़ रुपये होंगे खर्च
MMTH (Multi Modal Transport Hub) दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) की एक शुरुआती परियोजना है। जिसमें एक ISBT और एक मेट्रो स्टेशन भी शामिल है। ये मेट्रो और टर्मिनल ग्रेटर नोएडा, नोएडा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अन्य हिस्सों से आने-जाने वाले यात्रियों को यहां तक लाएगा। इस हब के बीच में ग्रेटर नोएडा टर्मिनल होगा। ये एक मॉडर्न रेलवे स्टेशन होगा। जिसका बिल्टअप एरिया 70,000 वर्ग मीटर होगा। शुरुआत में इसकी लागत करीब 1,850 करोड़ थी। अब इसे बनाने में करीब 3700 करोड़ रुपये की रकम खर्च करनी होगी।
जुलाई में रेलवे टर्मिनल का काम शुरू होने की उम्मीद
MMTH को दिसंबर 2024 में एक विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि रेलवे अधिनियम के तहत अधिग्रहण तेजी से किया जाएगा। इस प्रक्रिया को दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा। MMTH की कुल 176 हेक्टेयर लैंड में से रेलवे की जमीन ही एकमात्र हिस्सा है जिसका अधिग्रहण किया जाना बाकी है। शेष अधिकांश जमीन का अधिग्रहण पहले ही किया जा चुका है। कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। ऐसे में जुलाई माह में ग्रेनो टर्मिनल का काम शुरू होने की उम्मीद है।
वर्तमान में गाजियाबाद स्टेशन वेस्ट यूपी का केंद्र
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन की क्षमता लगभग 200 ट्रेनों की है, और यहाँ रोजाना 50,000 से अधिक लोग आते-जाते हैं। यह स्टेशन लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर रोजाना लगभग 200 ट्रेनें आती-जाती हैं। स्टेशन पर रोजाना लगभग 50,000 लोग आते-जाते हैं। यह स्टेशन लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर 6 प्लेटफॉर्म हैं, जिनमें से एक लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए अलग से बनाया गया है। यहां से भी बिहार और पूर्वांचल के लिए ट्रेने चलती हैं। वर्तमान में गाजियाबाद स्टेशन को वेस्ट यूपी का बड़ा रेलवे स्टेशन माना जाता है।
इन स्टेशनों पर उमड़ती है भीड़
वर्तमान में पूर्व की ओर जाने वाली अधिकांश ट्रेनें नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल से संचालित होती हैं। नई दिल्ली से प्रतिदिन करीब तीन सौ ट्रेनें संचालित होती हैं और करीब पांच लाख यात्री यहां आते हैं। त्योहारों और छुट्टियों के दौरान यह संख्या और बढ़ जाती है। इसी तरह आन्नद विहार रेलवे स्टेशन पर रोजाना करीब 250 ट्रेनें संचालित की जाती है। यहां करीब 3 लाख यात्री आते हैं। त्योहारों में यात्रियों की संख्या बढ़कर 4 लाख हो जाती है। यात्रियों की भीड़ को देखते हुए यहां प्लेटफार्म छोटा पड़ रहा है। नए प्लेटफॉर्म बनाने के लिए भी जगह नहीं है। कुछ साल पहले यहां से पूर्व की ओर जाने वाली कुछ ट्रेनों को आनंद विहार टर्मिनल पर शिफ्ट किया गया था। बिजवासन टर्मिनल बनने के बाद पश्चिम की ओर जाने वाली ट्रेनों को भी यहां शिफ्ट करने का प्रस्ताव है। ऐसे में ग्रेटर नोएडा टर्मिनल बनने के बाद लोगों को राहम मिलेगी।