Uttar Pradesh Greater Noida (जुनेद अख्तर) : ग्रेटर नोएडा में एक विदेशी महिला को बंधक बनाकर मारपीट और फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। विदेशी महिला का आरोप है कि आरोपी उसे पिछले काफी समय से प्रताड़ित कर रहे हैं। इस बार आरोपियों ने उसे बंधक बना लिया और फिरौती की मांग की। पीड़िता किसी तरह आरोपियों के चंगुल से छूटकर पुलिस के पास पहुंची और घटना की शिकायत की।
जंजीरों से बांधा और मांगी फिरौती
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-22 डी स्थित सुपरटेक गोल्फ कंट्री निवासी चुक्वुएमेका जोशुआ ओन्येकवेलु ने नाइजीरिया देश की रहने वाली हैं। आरोप है कि नाइजीरियन मूल का एक व्यक्ति, जो खुद को ग्रेटर नोएडा में अफ्रीकी लोगों का अध्यक्ष बताता है, लेकिन उसके पास कोई आधिकारिक दर्जा या राजनयिक अधिकार नहीं है। आरोप है कि 23 मार्च को आरोपी और उसके सहयोगियों ने महिला को अगवा कर लिया और सेक्टर गामा-1 स्थित कार्यालय पर ले जाकर बंदी बना लिया। उन्हें जंजीरों में बांधा गया और जान से मारने की धमकी दी गई। साथ ही, 7 लाख रुपये की फिरौती मांगी। रुपये देने से मना करने पर आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी दी।
अवैध टास्क फोर्स चलाता है आरोपी
पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि आरोपी व्यक्ति ग्रेटर नोएडा में एक अवैध टास्क फोर्स चलाता है, जिसमें ऐसे लोग शामिल हैं, जो बिना वैध वीजा के भारत में रह रहे हैं। ये लोग अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं, जैसे जबरन बेदखली, वसूली और मानवाधिकारों का उल्लंघन आदि। पीड़िता ने बताया कि वह पिछले आठ वर्षों से झूठी पहचान के साथ काम कर रहा है और खुद को नाइजीरियन एम्बेसी का प्रतिनिधि और यूएन पीस एम्बेसडर बताता है जबकि नाइजीरियाई हाई कमीशन ने इसकी पुष्टि की है कि उसके पास कोई अधिकार नहीं है।
पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप
पीड़िता का आरोप है कि आरोपी का वीजा खत्म हो चुका है। फिर भी वह भारत में अवैध रूप से रह रहा है। उसके खिलाफ ग्रेटर नोएडा के एक क्लब में अवैध शराब बेचने का मामला भी चल रहा है। पूर्व में भी उसके खिलाफ कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
इस संबंध में पुलिस का कहना है कि महिला ने मामले की शिकायत की है। शुरुआती जांच में दोनों पक्षों के बीच लेनदेन का मामला सामने आया है। दोनों के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। महिला द्वारा लगाए गए आरोप की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।