Gorakhpur ITM students make pollution free firecrackers: उत्तर प्रदेश के साथ देशभर में दीपावली की तैयारियां जोरों पर हैं। लोग घर की सजावट के साथ पटाखे खरीदने में लगे हुए हैं। लेकिन इस बीच देश के अलग अलग हिस्सों में फैले वायु प्रदूषण को लेकर भी लोग चिंतित हैं। ऐसे में गोरखपुर ITM के चार छात्रों ने कमाल करते हुए पॉल्यूशन फ्री पटाखों को निर्मित करते हुए स्वास्थ्य और सेहत के प्रति जागरूकता का एक बड़ा संदेश दिया है। छात्रों की ओर से बनाए गए ये पटाखे कोई आधार नहीं बल्कि रिमोट कंट्रोल से संचालित होने वाले पटाखे हैं, जो गुणवत्ता और रोमांच में अन्य पटाखों की तरह ही आवाज और रोशनी देंगे। ITM के छात्रों की इस उपलब्धि पर पूरी संस्था प्रबंधन की खुशी जाहिर की है।
रिमोट से संचालित होंगे पॉल्यूशन फ्री पटाखे, जानिए! क्या होगा खास
आपको बता दें कि सहजनवा के गीडा स्थित आईटीएम के चार छात्रों ने एक बड़ा कारनामा करते हुए पॉल्यूशन फ्री पटाखों का निर्माण किया है। बताया जाता है कि इन पटाखों के संचालित होने पर लोगों को किसी भी प्रकार का वायु प्रदूषण या उनकी सेहत से जुड़ा कोई नुकसान नहीं होगा। लिहाजा, इन पटाखों को आग से नहीं बल्कि रिमोट कंट्रोल से संचालित किया जा सकेगा। मिली जानकारी के अनुसार, रिमोट का बटन एक बार दबाने पर महज एक सेकंड में तकरीबन 10 बार तेज स्पार्क के साथ आवाज होगी, जो सामान्य पटाखों के जलने का अनुभव कराएगी।
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एक बार की खरीद में कई वर्षों तक होगा इस्तेमाल
ITM के छात्रों की ओर से तैयार किए गए पटाखों में खास बात ये है कि एक बार इन पटाखों को खरीदने के बाद कई सालों तक इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, अभी इन पटाखों को सिर्फ ट्रायल के लिए तैयार किया गया है। छात्रों की इस मेहनत और उसके परिणाम को लेकर ITM प्रबंधन का कहना है कि इन पटाखों से वायु प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही ये पटाखे मार्केट में आने के बाद चाइनीज तकनीकी को भी टक्कर देंगे।
दो से तीन हजार के खर्च में तैयार हुआ प्रदूषण मुक्त पटाखा, जल्द मार्केट में लाने का है प्लान
प्रदूषण मुक्त इन पटाखों को तैयार करने वाले ITM के छात्रों में प्रशांत शर्मा, अंशु सिंह, आकाश निषाद और अनुराग कुमार सिंह का नाम शामिल है। उन्होंने बताया कि ये पटाखे किसी माचिस की तीली से नहीं बल्कि बिजली से चार्ज होंगे और रिमोट कंट्रोल की सहायता से इनका संचालन किया जा सकेगा। छात्रा प्रशांत बताते हैं कि पटाखे को बनाने में लगभग 2 से 3 हजार रुपए का खर्च आया है, लेकिन जब हम इन्हें अधिक मात्रा में बनाएंगे तो इस पर लागत भी कम हो जाएगी। वहीं, छात्रों ने बताया कि इन पटाखों को तैयार करने के लिए डीसी स्पार्क, एलईडी, इलेक्ट्रिक वायर और रिमोट का प्रयोग किया गया है। छात्रों की इस उपलब्धि को लेकर ITM के निदेशक डॉक्टर एनके सिंह ने कहा कि छात्रों की नई तकनीकी एवं आईडिया से हमें भी बहुत ज्यादा प्रोत्साहन मिलता है। ऐसे आइडियाज से हम संस्थान के छात्रों को आगे के लिए और ज्यादा प्रेरित करने के लिए और अधिक प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं कि जल्द ही इन प्रोडक्ट को बाजार में भी लाया जा सके।