अजीत सिंह, गोरखपुर: सीने में अचानक से दर्द उठने और इसके बाद मौत हो जाने की, अक्सर ही कई घटनाएं लोगों को देखने और सुनने को मिल रही हैं। ऐसी ही एक घटना गोरखपुर से आई है जहां, एक युवा डॉक्टर ने दर्द की स्थिति में अपने दोस्त के साथ मेडिकल कॉलेज इलाज कराने पहुंचते-पहुंचते ही उसके कंधे पर दम तोड़ दिया।
देवरिया रेलवे हॉस्पिटल में कार्यरत थे डॉ. अभिषेक
युवाओं में इन दिनों हार्ट अटैक की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसी ही एक घटना गुरुवार देर शाम गोरखपुर में घटी, जो खासकर युवाओं में एक चिंता और चर्चा का विषय बनी है। यहां, एक 30 वर्षीय डॉ. अभिषेक कुमार की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अभिषेक बीआरडी मेडिकल कॉलेज से ही वर्ष 2016 में एमबीबीएस पास आउट थे। मौजूदा समय में वह देवरिया रेलवे हॉस्पिटल में अपनी सेवा दे रहे थे।
दोस्त के कंधे पर हुई मौत
अभिषेक गुरुवार को अपनी कार की सर्विसिंग के लिए गोरखपुर अपने बहनोई के घर पहुंचे थे फिर, मेडिकल कॉलेज के कुछ पुराने छात्रों के बुलावे पर हॉस्टल पहुंचकर वहां भोजन किए। कुछ देर बाद उनके सीने में अचानक से दर्द हुआ तो, उन्होंने एसिडिटी की दवा खाई। फिर भी मन नहीं संतोष पाया तो दोस्त के साथ मोटरसाइकिल से, हृदय रोग विशेषज्ञ को दिखाने के लिए वह मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक जा रहे थे लेकिन, डॉक्टर के पास पहुंचने से पहले ही अचानक से उन्होंने अपने दोस्त के कंधे पर ही अपना प्राण त्याग दिया।
युवाओं में हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय
मूल रूप से देवरिया जिले के रहने वाले डॉक्टर अभिषेक कुमार अभी अविवाहित थे लेकिन, उनका परिवार शिक्षा और राजनीति दोनों से भी मजबूती से जुड़ा हुआ था। उनके पिता बलिराम कुमार जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी रहे तो माता मालती देवी भागलपुर ब्लॉक की पूर्व ब्लाक प्रमुख रही हैं। इनका बड़ा भाई आशुतोष कुमार पुलिस सेवा में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात है। वहीं, अचानक से घटी इस घटना से पूरे परिवार में मातम छा गया है। सभी को इस बात का दुख है कि अभिषेक को वह इलाज नहीं दिल पाए। समय से इलाज मिलता तो शायद उसकी जान बच जाती लेकिन, जिस तरह से अचानक से सीने में उठे दर्द के बाद अभिषेक का निधन हुआ है वह, हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं में खासकर युवाओं में एक चिंता और चर्चा का विषय है।
इसी कॉलेज के छात्र थे
अभिषेक जब अपने दोस्त के साथ मोटरसाइकिल से हृदय रोग विशेषज्ञ को दिखाने जाते समय रास्ते में दम तोड़े, तो उनके दोस्त ने और चिकित्सक और मित्रों को जानकारी देते हुए उन्हें मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल की इमरजेंसी ले गए। डॉक्टर उन्हें सीधे आईसीयू में लेकर गए लेकिन, तब तक अभिषेक की मृत्यु हो चुकी थी। देर शाम पोस्टमार्टम करने के बाद परिजन शव लेकर देवरिया चले गए। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है। डॉक्टर अभिषेक इसी कॉलेज के छात्र थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को दुख सहन करने की शक्ति दें। पोस्टमार्टम के बाद विसरा सुरक्षित कर लिया गया है। अब जांच के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल पाएगा।