Ghaziabad Lok Sabha Seat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के मेरठ से लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की है। पीएम मोदी की इस शुरुआत के सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि गाजियाबाद सीट पर लगातार असंतोष बन रहा है। कई सीटों को लेकर बीजेपी को जमीनी फीडबैक भी मिला है। जिसमें ये सीट भी शामिल है। आइए जानते हैं कि क्या वजह है कि गाजियाबाद सीट पर लगातार असंतोष बढ़ रहा है और ये बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बनती नजर आ रही है।
क्षत्रिय और त्यागी समाज नाखुश
कहा जा रहा है कि बीजेपी का अहम वोट बैंक क्षत्रिय और त्यागी समाज मेरठ मंडल और पश्चिम में टिकट वितरण से नाखुश है। इन दोनों समाज से जुड़े सामाजिक संगठन और क्षेत्रीय नेता विरोध के सुर तेज कर रहे हैं। गाजियाबाद में जनरल वी के सिंह का टिकट काट दिया गया है। इससे पहले राजनाथ सिंह और उनके पहले डॉक्टर रमेश चंद्र तोमर बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं।
The Thakur community in the Dhaulaana Vidhan Sabha constituency boycotted the Lok Sabha candidate Atul Garg and the BJP district president of Ghaziabad after V.K. Singh's ticket was revoked from the Lok Sabha.#LokSabhaElection2024 pic.twitter.com/KDAU8mfosj
— Desh Ka Verdict (@DeshKaVerdict) March 29, 2024
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अतुल गर्ग को बनाया गया उम्मीदवार
इस बार यहां से वैश्य समाज से अतुल गर्ग को उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि इस सीट पर सात बार क्षत्रिय समाज की जीत हो चुकी है। इससे मेरठ मंडल में बगावत के सुर उभर रहे हैं। वीके सिंह को टिकट नहीं देने और चार बार सांसद रहे डॉक्टर रमेश चंद्र तोमर को सक्रियता के बावजूद नजरअंदाज करने से नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। अब रूठे नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी राजनाथ सिंह को दी गई है।
डॉक्टर तोमर का कई सीटों पर प्रभाव
बता दें कि डॉक्टर तोमर का मेरठ मंडल की कई सीटों पर प्रभाव रहा है। जिस समय लोग वी पी सिंह के मुरीद हुआ करते थे, तोमर ने हापुड़ गाजियाबाद सहित पश्चिम में क्षत्रिय समाज के बीच पैठ बनाई। साथ ही बीजेपी को खड़ा किया। गाजियाबाद सीट को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है।
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