Yamuna Authority: यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में विदेशी कंपनियां जमीन खरीदकर फैक्ट्री लगाने में जुटी हैं। इस बार एप्पल के लिए दुनिया की सबसे बड़ी वेंडर फॉक्सकॉन का नाम सामने आया है। सूत्रों से पता चला है कि फॉक्सकॉन के अधिकारियों ने नोएडा एयरपोर्ट के पास 300 एकड़ जमीन खरीदने की इच्छा जाहिर की है। इसे लेकर अधिकारियों की केंद्र और राज्य सरकार से वार्ता चल रही है। अगर सहमति बनती है तो foxconn इस पर काम भी शुरू कर सकती है।
एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट और सोनी के करती है काम
बताया जा रहा है कि यह यूनिट बेंगलुरु में बनने वाली फॉक्सकॉन की यूनिट से भी थोड़ी बड़ी हो सकती है। बेंगलुरु वाली यूनिट कंपनी की दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी फैक्ट्री होगी। अभी यह तय नहीं हुआ है कि ग्रेटर नोएडा वाली फैक्ट्री में क्या बनेगा। सूत्रों के मुताबिक, जमीन पर सहमति बनने के बाद तय होगा कि इस यूनिट में किस चीज का निर्माण होगा। बताया जाता है कि फॉक्सकॉन न सिर्फ एप्पल, बल्कि माइक्रोसॉफ्ट और सोनी के लिए भी काम करती है। यह कंपनी स्मार्टफोन से लेकर टेबलेट, टीवी आदि इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट बनाती है। एप्पल आईफोन समेत अपने कई प्रोडक्ट फॉक्सकॉन में भी बनवाती है। वहीं इस पर यमुना अथॉरिटी के अधिकारी अभी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। एक अधिकारी का कहना है कि कंपनी की केंद्र सरकार से अभी बात चल रही है। कंपनी अधिकारियों की अभी तक उनसे कोई बात नहीं हुई है।
50 हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
सूत्रों के मुताबिक, इस यूनिट के निर्माण के बाद 50 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इस यूनिट के बनने से यमुना क्षेत्र का भी बहुत तेजी से विकास हो सकेगा। बताया जा रहा है कि यमुना अथॉरिटी के अधिकारी भी कंपनी अधिकारियों के संपर्क में हैं। वहीं, भारत सरकार ने पिछले साल फॉक्सकॉन इंडस्ट्रियल पार्क प्रोजेक्ट के लिए 300 एकड़ जमीन का प्रस्ताव रखा था। अभी बातचीत शुरुआती दौर में है। अभी यह तय नहीं है कि कौन से प्रोडक्ट बनेंगे और कौन ग्राहक होंगे।
इस जमीन पर बनेगी यूनिट
बताया जा रहा है कि foxconn नोएडा एयरपोर्ट के पास ही यूनिट लगाएगी। यह जमीन यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे है। यमुना एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ता है। इस जमीन का कामकाज यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) देखती है। यमुना एक्सप्रेसवे, जेवर में बन रहे नए एयरपोर्ट और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को भी जोड़ता है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी अधिकारियों को यह जमीन पसंद भी आ गई है। कंपनी अधिकारियों ने सरकार के अफसरों को भी इस बारे में बता दिया है।
जानिए क्यों चुना यमुना अथॉरिटी क्षेत्र
काउंटरपॉइंट रिसर्च के वाइस-प्रेसीडेंट नील शाह ने कहा कि टैरिफ और दुनिया के माहौल को देखते हुए फॉक्सकॉन भारत में अपनी फैक्ट्री खोलना चाहती है। इससे उसे भविष्य में EMS (इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज) के मौके मिल सकते हैं। EMS का मतलब है, दूसरी कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाना। भारत अभी सबसे अच्छा विकल्प है। शाह ने कहा कि नोएडा, चेन्नई की तरह एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया है। यहां पर अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर है, लोकल टैलेंट है और बहुत सारे सप्लायर भी हैं जो EMS प्रोवाइडर को सामान देते हैं। शाह ने आगे कहा कि अलग-अलग जगहों पर फैक्ट्री होने से फायदा होता है। इससे ग्राहकों के करीब रहने में मदद मिलती है और स्मार्ट डिवाइस से लेकर ऑटो तक के सामान बनाने में आसानी होती है।
कई राज्यों में हैं फैक्ट्री
फॉक्सकॉन की फैक्ट्री तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में पहले से ही हैं। सूत्रों के अनुसार, कंपनी ने श्री सिटी, आंध्र प्रदेश में अपना कामकाज बंद कर दिया है। जिसके बाद उसने ग्रेटर नोएडा में अपनी रूचि दिखाई है। एप्पल की यह सप्लायर फॉक्सकॉन सिर्फ स्मार्टफोन तक ही सीमित नहीं रहना चाहती है। पिछले साल भारत दौरे पर फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ने कहा था कि कंपनी का लक्ष्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिक वाहन, ऊर्जा और डिजिटल हेल्थ जैसे सेक्टरों में प्रोडक्शन करना है।