अगर आप यूपी के फर्रुखाबाद जिले में रहते हैं और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत घर पाने की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। जिले में आवास योजना के लाभार्थियों का सर्वे अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। हजारों लोगों का सर्वे पूरा हो चुका है और जल्द ही जरूरतमंद लोगों को घर मिलने की मंजूरी मिलने वाली है। इस बार सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी को सबसे ज्यादा महत्व दे रही है, ताकि सिर्फ उन्हीं को फायदा मिले जो इसके असली हकदार हैं।
15 मई तक पूरा होगा सर्वे
फर्रुखाबाद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लाभार्थियों के चयन के लिए चल रहा सर्वे अब अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। पहले यह सर्वे 30 मार्च तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब इसकी समय सीमा बढ़ाकर 15 मई कर दी गई है। जिले के सभी सात ब्लॉकों में अब तक कुल 35,939 लोगों का सर्वे किया जा चुका है। इनमें से 11,258 लोगों ने स्वयं (सेल्फ-सर्वे) के माध्यम से आवेदन किया है। शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, 13 मई तक सभी सर्वे डाटा को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा। इसके बाद डाटा का वेरिफिकेशन होगा और फिर अंतिम लिस्ट तैयार की जाएगी, जिससे यह तय होगा कि किन लोगों को घर मिलने की मंजूरी दी जाएगी।
इस बार पारदर्शिता पर जोर
इस बार योजना में पारदर्शिता को लेकर प्रशासन ने विशेष सावधानी बरती है। हर ब्लॉक में दो-दो जिला स्तरीय और दो-दो ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की तैनाती की गई है, जो सर्वे डाटा का क्रॉस वेरिफिकेशन कर रहे हैं। पिछली बार कुछ अयोग्य लोगों को भी योजना का लाभ मिल गया था, जिस पर कई शिकायतें मिली थीं। इस बार अधिकारी खुद हर घर जाकर जांच कर रहे हैं, ताकि हर जरूरतमंद व्यक्ति को योजना का फायदा मिल सके। जिले के मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ने हर ब्लॉक के लिए एक-एक जिम्मेदार अधिकारी लगाया है, जो अपने इलाके में यह जांच का काम देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का सर्वे 15 मई तक चलेगा.
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— U.P. Rural Development Dep (@UpRuralDev) May 5, 2025
राजेपुर में सबसे ज्यादा लाभार्थी
अगर ब्लॉक के हिसाब से आंकड़े देखें तो राजेपुर ब्लॉक में सबसे ज़्यादा 7334 लोगों का सर्वे किया गया है। यहां हर गांव में औसतन 91 लोग योजना के लिए चुने गए हैं। दूसरी ओर सबसे कम सर्वे बढ़पुर ब्लॉक में हुआ है, जहां सिर्फ 1596 लोगों को योजना के लिए चुना गया है और हर गांव में औसतन 27 लोग ही लिस्ट में आए हैं। बाकी ब्लॉकों की बात करें तो कायमगंज में हर गांव से औसतन 75, शमसाबाद में 82, मोहम्मदाबाद में 63, कमालगंज में 47 और नवाबगंज में 36 लोग चुने गए हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ इलाकों में लोगों को योजना की ज्यादा जरूरत है और कुछ जगहों पर कम।
यह रहा एक आसान टेबल जिसमें हर ब्लॉक में हुए सर्वे और प्रति गांव औसत लाभार्थियों की जानकारी दी गई है:
ब्लॉक का नाम | सर्वे किए गए लोगों की संख्या | प्रति गांव औसत लाभार्थी |
---|---|---|
राजेपुर | 7334 | 91 |
बढ़पुर | 1596 | 27 |
कायमगंज | – | 75 |
शमसाबाद | – | 82 |
मोहम्मदाबाद | – | 63 |
कमालगंज | – | 47 |
नवाबगंज | – | 36 |
टिप्पणी: “–” का मतलब है कि उन ब्लॉकों में कुल कितने लोगों का सर्वे हुआ, इसकी जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन प्रति गांव औसत बताया गया है।
क्या आप चाहें तो मैं इस टेबल को फोटो की तरह भी बना सकता हूँ?
वेरिफिकेशन के बाद बनेगी अंतिम लिस्ट
जिले के परियोजना निदेशक DRDA कपिल कुमार ने बताया कि हर ब्लॉक में अधिकारी ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं। जैसे बढ़पुर ब्लॉक की जिम्मेदारी श्याम कुमार तिवारी (जिला विकास अधिकारी) और रेणु (समाज कल्याण अधिकारी) को दी गई है। राजेपुर ब्लॉक में अनिल चंद्रा (जिला प्रोबेशन अधिकारी) और शमसाबाद में राघवेंद्र सिंह (जिला उद्यान अधिकारी) को यह काम सौंपा गया है। जैसे ही जांच का काम पूरा होगा जरूरतमंद लोगों की एक फाइनल लिस्ट बनाई जाएगी और वह राज्य सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद उन्हीं लोगों को योजना के तहत घर बनाने की मंजूरी मिलेगी, जो सच में इसके हकदार हैं।