मोहम्मद सद्दाम, सम्भल
एक बहुत ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक दिव्यांग व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इसके बाद उसकी मौत को सड़क दुर्घटना दिखाकर 50 लाख रुपये की बीमा राशि लेने की चाल चली गई। यह घटना उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले की है। यह मामला 1 अगस्त 2024 का है। उस दिन चंदौसी पुलिस को सैनिक चौराहे के पास एक व्यक्ति का शव मिला। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वह शव बदायूं जिले के ढिलवारी गांव के रहने वाले 38 साल के दरियाब का है। दरियाब के भाई राजेन्द्र ने पुलिस को बताया कि दरियाब की मौत सड़क हादसे में हुई है। इस पर पुलिस ने सड़क दुर्घटना के मामले में FIR दर्ज कर ली। इसके बाद लगभग चार महीने तक पुलिस को कोई पक्की जानकारी नहीं मिल पाई। जांच में कुछ भी साबित नहीं हुआ, तो पुलिस ने यह मानकर केस बंद कर दिया। लेकिन अब इस केस में बड़ा खुलासा हुआ है। सम्भल की SSP अनुकृति शर्मा ने बताया कि दरियाब की मौत सड़क हादसे से नहीं बल्कि साजिश के तहत हत्या करके की गई थी। यह सब 50 लाख रुपये का बीमा पैसा पाने के लिए किया गया था।
बीमा क्लेम पाने के लिए बनाई गई खौफनाक साजिश
पुलिस की जांच में सामने आया कि यह महज हादसा नहीं बल्कि एक सुनियोजित हत्या थी, जिसमें बीमा की रकम पाने के लिए दरियाब को मौत के घाट उतारा गया। इस मामले में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के रिलेशनशिप एसोसिएट पंकज राघव समेत हरिओम, विनोद और प्रताप को गिरफ्तार किया गया है। साजिश की शुरुआत 2023 में हुई थी जब हरिओम ने पंकज राघव से लोन के सिलसिले में मुलाकात की, लेकिन सिबिल खराब होने के कारण लोन नहीं मिला। इसके बाद पंकज ने एक शॉर्टकट बताया किसी ऐसे बीमार या मरने के करीब व्यक्ति का बीमा करवा कर उसे दुर्घटना में मारा जाए ताकि क्लेम मिल सके। हरिओम ने अपने भाई विनोद के साथ मिलकर दरियाब को चुना जो दिव्यांग, बेहद गरीब और परिवार से अलग-थलग था।
दरियाब को शराब पिलाकर बेरहमी से मार डाला गया
प्लानिंग के अनुसार दरियाब का 50.68 लाख रुपये का एक्सीडेंटल बीमा करवाया गया और उसे 31 जुलाई को प्रताप, हरिओम और विनोद ने कार में बैठाकर चंदौसी लाया। उसे शराब पिलाई गई और फिर आटा रोड के पास कार से बाहर निकलते ही सिर पर हथौड़ी से वार किया गया। इसके बाद कार से कुचलकर उसकी जान ले ली गई। अगले दिन राजेन्द्र ने FIR दर्ज कराई और पंकज ने खुद को बचाते हुए बीमा में नॉमिनी तो राजेन्द्र को बनाया लेकिन नंबर अपना डलवा दिया ताकि भविष्य में मैसेज उन्हीं को मिले। बीमा क्लेम के लिए दस्तावेज तैयार करवा लिए गए थे।
बीमा कंपनी को हुआ शक
बीमा कंपनी टाटा AIA को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। जांच में सामने आया कि दरियाब के पास प्रीमियम भरने के पैसे नहीं थे, फिर उसने इतनी महंगी बीमा पॉलिसी कैसे ली? मेडिकल रिपोर्ट में सिर पर हथियार से चोट की पुष्टि हुई। कॉल डिटेल में पंकज, हरिओम और विनोद की बात सामने आई और पुलिस ने सभी को पकड़कर पूछताछ की तो पूरा मामला खुल गया। SSP अनुकृति शर्मा ने बताया कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्होंने पूरी साजिश कबूल कर ली है। यह हत्या सिर्फ बीमा क्लेम पाने के लिए की गई थी।