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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

एनेस्थीसिया के ओवरडोज से अब नहीं होगी मौत, ग्रेटर नोएडा की कंपनी ने बनाई दुनिया की पहली डिजिटल सिडेशन डिवाइस

Greater Noida News: भारत अब चिकित्सा तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक लीडर बनने की तरफ बढ़ रहा है. ग्रेटर नोएडा की मेडिक्सा ग्लोबल कंपनी ने एक ऐसी डिजिटल सिडेशन डिवाइस तैयार की है, जो बिना इंजेक्शन के मरीज को सर्जरी के दौरान दर्द से मुक्ति दिला सकती है. इस तकनीक का नाम है वेलसेड डिजिटल सिडेशन डिवाइस.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : praveen vikram Updated: Sep 26, 2025 12:43

Greater Noida News: भारत अब चिकित्सा तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक लीडर बनने की तरफ बढ़ रहा है. ग्रेटर नोएडा की मेडिक्सा ग्लोबल कंपनी ने एक ऐसी डिजिटल सिडेशन डिवाइस तैयार की है, जो बिना इंजेक्शन के मरीज को सर्जरी के दौरान दर्द से मुक्ति दिला सकती है. इस तकनीक का नाम है वेलसेड डिजिटल सिडेशन डिवाइस. यह एनेस्थीसिया के ओवरडोज से होने वाली मौत और इंजेक्शन से होने वाले संक्रमण जैसी समस्याओं का समाधान बनकर उभरी है.

कैसे काम करती है यह डिवाइस?

वेलसेड डिवाइस पूरी तरह से डिजिटल है. इसका प्रयोग सर्जरी के दौरान माक्स के जरिए नाइट्रस ऑक्साइड गैस देने में होता है. मरीज को सुन्न करने के साथ-साथ घबराहट भी दूर करती है. इसमें ऑक्सीजन का संतुलन भी बनाए रखा जाता है जिससे मरीज सुरक्षित और सजग रहता है. डिवाइस की स्क्रीन पर सर्जरी के दौरान मरीज की संपूर्ण स्थिति को रीयल टाइम में देखा जा सकता है. यही नहीं यदि मरीज को कोई परेशानी होती है तो वह बता भी सकता है, जो एनेस्थीसिया में संभव नहीं होता.

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कई जटिल सर्जरी में उपयोगी

डिवाइस के आविष्कारक डाॅ. जितेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि यह तकनीक कई जटिल प्रक्रियाओं में उपयोगी है. मुख्य रूप से हार्ट सर्जरी, लीवर बायोप्सी, न्यूरो और आंखों की सर्जरी, कैंसर ट्रीटमेंट, डर्मेटोलॉजी और स्किन सर्जरी, हेयर ट्रांसप्लांट, डेंटल ट्रीटमेंट, रूट कैनाल और टूथ एक्सट्रैक्शन में एनेस्थीसिया की जरूरत रह सकती है, लेकिन अन्य सर्जरी में यह डिवाइस कारगर साबित हो रही है.

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सीडीएससीओ से मिला लाइसेंस

डॉ. जितेंद्र सिंह बीएचयू के गोल्ड मेडलिस्ट है. उन्होंने बताया कि डिवाइस को भारत सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से लाइसेंस मिल चुका है. यानी अब यह डिवाइस व्यावसायिक रूप से उपयोग और निर्यात के लिए अधिकृत है. वर्तमान में यह डिवाइस गौतमबुद्ध नगर के चार निजी डेंटल क्लीनिकों में प्रयोग की जा रही है.

बड़े बदलाव का संकेत

राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सीईओ डाॅक्टर राहुल सिंह ने बताया कि जिम्स में वेलसेड डिजिटल डिवाइस को क्लीनिकल ट्रायल के लिए लाया गया है. इसे लाइसेंस मिल चुका है और आने वाले महीनों में यह मेडिकल फील्ड में बड़ा बदलाव लाएगी.

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First published on: Sep 26, 2025 12:43 PM

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