---विज्ञापन---

उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

गाजियाबाद के 61 गांवों में चलेगी विकास की लहर, शहर से जुड़ेंगे 12 लाख लोग

Uttar Pradesh Ghaziabad News : गाजियाबाद अथॉरिटी की बोर्ड मीटिंग में 61 और गांवों को अपनी सीमा में शामिल किया है। इसमें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे किनारे के 32 और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे किनारे के 29 गांव शामिल हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही इन गांवों में विकास कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Mar 19, 2025 20:25
GDA Board meeting
GDA Board meeting

Uttar Pradesh Ghaziabad News (जुनेद अख्तर) : गाजियाबाद अथॉरिटी की सीमा में 61 ओर गांव शामिल किए जाएंगे। इस प्रस्ताव पर अथॉरिटी की 168वीं बोर्ड मीटिंग में मुहर लग गई है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इन गांवों में विकास कार्य शुरू करा दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि मंगलवार को मेरठ में अथॉरिटी के अध्यक्ष और मंडलायुक्त डॉ. ऋषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में 14 में से 11 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। जीडीए के मुताबिक, इन गांवों में 12 लाख से अधिक ग्रामीण रहते हैं।

जीडीए की सीमा में अब हुए 229 गांव

---विज्ञापन---

जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि 61 गांव में 32 दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और 29 ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे के हैं। इनके शामिल होने पर जीडीए की सीमा में कुल 229 गांव हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि नए क्षेत्र जुड़ जाने से विकास कार्यों की रफ्तार को तेजी मिलेगी। सबसे बड़ा फायदा उद्योग लगाने के लिए जमीन मिल जाने का होगा। दोनों एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सुनियोजित विकास भी हो सकेगा। वहीं, बताया जा रहा है कि अथॉरिटी क्षेत्र में शामिल नहीं होने का फायदा उठाते हुए अभी तक कॉलोनाइजर इन इलाकों में तेजी से प्लॉटिंग कर रहे हैं। जल्द ही इन कॉलोनाइजर पर भी जीडीए सख्ती शुरू कर देगी।

15 साल में चार गुना बढ़ा विकास क्षेत्र

---विज्ञापन---

जीडीए वीसी अतुल वत्स ने बताया कि 2011 में विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में 168 गांव थे। करीब 14 साल बाद अब शहर के विस्तारीकरण के लिए 61 और गांवों को शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया। 2021 की महायोजना में 15,554 हेक्टेयर क्षेत्र विकास के लिए प्रस्तावित था। महायोजना 2031 में क्षेत्रफल 60,282.12 हेक्टेयर है। 15 साल में चार गुना विकास क्षेत्र बढ़ गया। जीडीए वीसी ने बताया कि जल्द ही इन सभी गांवों के प्रधानों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी।

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के गांव

नेकपुर सावितनगर, बिहंग, रेंवरा रावरी(रेवरी खेड़ा), हुसैनपुर, मानौली, भदौली, किशनचंदपुर पट्टी, मिलक चकरपुर, रोशनपुर सलेमाबाद पट्टी प्रताप, रोशनपुर सलेमाबाद पट्टी जीराम, अजबपुर मंगावली, काकड़ा, खरजीवनपुर, खीमावती, कादरनगर बुरारी, सुराना, अल्लाहपुर, शहजादपुर, सुठारी, रावली कलां, मिल्क रावली, खैराजपुर, रुहैलापुर, सुल्ताननगर छज्जूपुर, जलालपुर ढिंढार, अमरीपुर गढ़ी, बंदीपुर, ग्यासपुर, सुल्तानपुर और खुर्रमपुर गांव हैं।

क्या आज के दौर में औरंगजेब पर चर्चा की जरूरत है?

View Results

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के गांव

किल्हौड़ा, भड़ौला, फरीदनगर, रघुनाथपुर, त्योड़ी तेरह बिस्वा, त्योड़ी सात विस्वा, चुड़ियाला, शकररपुर, मुरादाबाद, जैनुद्दीनपुर, तलहेटा, पलौता, भटजन अमराला, औरंगाबाद फजलगढ़, कासिमपुर, अमीरपुर बडायला, सुजानपुर मुहम्मदपुर, पट्टी,जहांगीरपुर, कलछीना, औरंगनगर किनापुर, गंगाराम पुर, मिसवापुर, भवानीपुर, नूरपुर, डिडावरी, समयपुर, करीमनगर कटियारा उफ आकलपुरी, निगरावठी और यूसुफपुर ईशापुर गांव हैं।

 

First published on: Mar 19, 2025 08:25 PM

संबंधित खबरें