Uttar Pradesh News: (नीरज आनंद, बरेली) वर्तमान में गाजियाबाद की अतिरिक्त आयुक्त आईपीएस कल्पना सक्सेना पर जानलेवा हमला करने के दोषी 3 पुलिसकर्मियों समेत 4 लोगों को कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई है। मामला 2010 का है, जब कल्पना सक्सेना की तैनाती बरेली में यातायात एसपी के तौर पर थी। पुलिस ने 3 सिपाहियों समेत 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। अब मामले में बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश एंटी करप्शन कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई है। दोषियों को 50-50 रुपये का जुर्माना भी अदा करना होगा।
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बरेली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर ट्रक चालकों से अवैध वसूली करने की सूचना कल्पना को मिली थी। इसके बाद एसपी मौके पर यातायात कर्मियों को पकड़ने पहुंची थी। दोषियों ने सरकारी काम में बाधा डाली और एसपी के ऊपर जानलेवा हमला किया। दोषियों ने उनको गाड़ी से कुचलने की कोशिश भी की थी। वारदात के बाद तीनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था।
कई दिन तक अस्पताल में भर्ती रही थीं कल्पना
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता ने जब फैसला सुनाया तो दोषी बिलख-बिलखकर रोने लगे। वारदात के समय दोषियों ने एसपी को लगभग 200 मीटर तक घसीटा था। उनके ऊपर जमकर लात-घूंसे बरसाए थे। कल्पना सक्सेना गंभीर तौर पर घायल हो गई थीं, उनको कई दिन तक अस्पताल में रहना पड़ा था। अब मामले में फैसला आ गया है।
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जैसे ही एसपी मौके पर गई थीं, सिपाही रावेंद्र, रविंद्र, मनोज और धर्मेंद्र ने भागने की कोशिश की थी। एसपी ने पैदल भागकर आरोपियों का पीछा किया तो उनको कार से कुचलने की कोशिश की। सिपाही रावेंद्र नकटिया, सिपाही रविंद्र उर्फ टाइगर फर्रुखाबाद और सिपाही मनोज सुल्ताना का रहने वाला है, जबकि धर्मेंद्र रावेंद्र का सगा भाई है। वसूली के बाद पैसे आपस में बांट लिए जाते थे।