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काशी से नीदरलैंड जाएगी ‘स्ट्रीट डॉग जया’, आप भी अपने पालतू को ले जाना चाहते हैं विदेश तो जान लें ये प्रॉसेस

complete detail of animals abroad by flight: सभी के मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर एक डॉग, बिल्ली जैसे अन्य पालतू जानवरों को विदेश ले जाने के लिए किन-किन कागजी कार्रवाई के साथ गुजरना पड़ता है, कौन-कौन से मेडिकल टेस्ट कराने होते हैं आदि आदि। यह सभी जानकारियां इस रिपोर्ट से समझिए-

Edited By : Hemendra Tripathi | Updated: Oct 28, 2023 16:13
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complete detail of animals abroad by flight: हाल ही में जानवरों और इंसानों की दोस्ती से जुड़ा एक किस्सा यूपी के काशी से सामने आया था, जहां की गलियों में घूमने वाली स्ट्रीट डॉग जया अब विदेश में जाकर रहने वाली है। जया का पेपर वर्क लगभग पूरा हो चुका है। बीते बुधवार को स्ट्रीट डॉग जया नीदरलैंड की रहने वाली मिरल नाम की महिला के साथ नई दिल्ली पहुंच चुकी हैं, वहां से वह 31 अक्टूबर को नीदरलैंड के लिए रवाना हो जाएगी। आपको बता दें कि स्ट्रीट डॉग जया को लेने मिरल नीदरलैंड से वाराणसी खुद आई हैं। इसके साथ ही इस किस्से के बाद सभी के मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर एक डॉग, बिल्ली जैसे अन्य पालतू जानवरों को विदेश ले जाने के लिए किन-किन कागजी कार्रवाई के साथ गुजरना पड़ता है, कौन-कौन से मेडिकल टेस्ट कराने होते हैं आदि आदि। यह सभी जानकारियां इस रिपोर्ट से समझिए-

देश से बाहर भेजने के लिए डॉग का होगा वैक्सीनेशन

आपको बता दें कि किसी भी डॉग को देश के बाहर ले जाने के लिए कई तरह के प्रोसेज से गुजरना पड़ता है। इस प्रोसेज में सबसे पहले डॉगी का वैक्सीनेशन होता है। किसी भी डॉगी को बाहर भेजने से पहले उसे एंटी रैबीज इंजेक्शन के 2 डोज दिए जाते हैं, जिससे उसके शरीर के भीतर के सारे कीटाणु मर जाएं और उसकी बॉडी पूरी तरह से क्लीन हो जाए। इसके साथ ही आपको बता दें कि ये टीके सफर के पहले 1 महीने के भीतर लगा दिए जाते हैं। ये वैक्सीन डॉग की पेट संबंधित बीमारियों को दूर करता है।

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हेल्थ सर्टिफिकेट के साथ डॉग को दी जाती है ट्रेनिंग

वैक्सीनेशन की फॉरमेल्टी के बाद डॉग को देश से बाहर भेजने से पहले उनका एक हेल्थ सर्टिफिकेट बनाया जाता है। इस सर्टिफिकेट में उसके कुछ टेस्ट, वजन और हाइट के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही देश के बाहर जाने वाले डॉगी को यदि कोई बीमारी है, तो वह भी सर्टिफिकेट में लिखी जाती है। इसके साथ ही डॉग को बाहर भेजने से पहले उनको ट्रेनिंग भी दी जाती है, जिसमें उनको फ्लाइट में बैठने का तरीका सिखाया जाता है। साथ ही उनको एक विशेष प्रकार से रनिंग और जंप करना भी सिखाया जाता है। क्योंकि विदेश पहुंचने के बाद डॉगी का हेल्थ चेकअप और फिटनेस चेकअप दोबारा से किया जाता है।

डॉग को ले जाने से पहले भेजना होगा ब्लड टेस्ट

अपने देश के बाहर डॉग को ले जाने के लिए सिर्फ इतनी ही फॉर्मेलिटीज से नहीं गुजरना पड़ता है, बल्कि जिस भी देश में डॉग को भेजा जा रहा होता है, वहां पर उस डॉग का पहले ब्लड भेजा जाता है। जहां पर डॉग का ब्लड टेस्ट होता है और जब वहां के डॉक्टरों की टीम से क्लीन चिट मिल जाती है तब अपने देश में आगे का प्रॉसेस शुरू करवाया जाता है।

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डॉग के गले में लगाई जाती है स्पेशल चिप बनाया जाता है स्पेशल कार्ड

इसके साथ ही बाहर जाने वाले डॉग के गले के पास एक माइक्रो चिप को भी इंजेक्ट किया जाता है, जिसमें 15 नंबर का कोड लिखा होता है। आपको बताते चलें कि चिप पर डॉग की जानकारी के साथ साथ उसके मालिक से जुड़ी जानकारी दी होती है। बता दें कि चिप को स्कैन करते ही डॉग और उसके मालिक से जुड़ी सारी डिटेल खुल जाती है, स्कैन कराने के बाद उस डॉग को उसके मालिक के साथ जाने दिया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार, इन सभी प्रक्रियाओं के साथ ही डॉग का स्पेशल कार्ड भी बनाया जाता है, जिसमें डॉग की फोटो लगी होती है। इतना ही नहीं, इस कार्ड में डॉग और उसके मालिक की पूरी डिटेल लिखी होती है।

पेपर वर्क में आता है 25-30 हजार का खर्च

आपको बता दें कि इंसानों की तरह ही जानवरों को भी देश से बाहर ले जाने के लिए पेपर वर्क का काम होता है और ये सबसे ज्यादा जरूरी होता है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, एक जानवर को विदेश भेजने में तकरीबन 25-30 हजार रुपए का खर्चा आता है। ये सभी प्रॉसेस पूरे करने के बाद डॉग को विदेश भेजा जा सकता है।

कागजी कार्रवाई पूरी होते ही 31 अक्टूबर को नीदरलैंड रवाना होंगे मिरल और स्ट्रीट डॉग जया

वाराणसी की एनिमोटल संस्था के संदलीप ने काशी के स्ट्रीट डॉग और मिरल की दोस्ती के किस्से को लेकर बताया कि नीदरलैंड की रहने वाली मिरल की ओर से हो रही जया की केयरिंग के बाद उन्होंने जया को पसंद किया और धीरे धीरे उन दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। जिसके बाद मिरल ने स्ट्रीट डॉग जया को साथ रखने का फैसला किया था। संदलीप बताते हैं कि स्ट्रीट डॉग जया को ले जाने के लिए मिरल के नीदरलैंड से भी ग्रीन चिट मिल चुका है। इसके लिए एक विशेष प्रकार का कार्ट आता है, जिसमें जया ट्रैवेल करेगी और अब वो कार्ट हमारे पास आ चुका है। मिरल और जया दोनों दिल्ली पहुंच चुके हैं, वहां उन्हें क्वारंटीन ऑफिस जाकर फाइनल इंटरनेशनल फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल करना होगा, जिसका इसका अपॉन्टमेंट भी मिरल की ओर से पहले लिया जा चुका है। उन्होंने आगे बताया कि सारी फॉर्मेल्टीज पूरी होने के बाद 31 अक्टूबर की रात नीदरलैंड के लिए दोनों रवाना हो जाएंगे।

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Edited By

Hemendra Tripathi

First published on: Oct 28, 2023 04:13 PM
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