Stray Dog Bite: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली से कुत्तों को हटाने का आदेश दिया है जिसके बाद से सियासत इतनी गर्मा गई है कि सिर्फ विपक्ष नहीं, सड़कों पर भी जन आंदोलन देखने को मिल रहे हैं। इस फैसले के पीछे कारण रेबीज और कुत्तों से होने वाले अटैक है,। पिछले कुछ महीनों से लगातार कुत्तों के आतंक की खबर सामने आ रही है। कभी किसी को स्ट्रीट डॉग के काटने से रेबीज हो जाता है तो कई बार गंभीर रूप से काटने और नुकसान पहुंचाने की रिपोर्ट दर्ज होती है। इन कुत्तों को रेबीज का टीका नहीं लगा होता है, जिस वजह से इंसान को काटने के बाद उसकी मौत हो जाती है।
क्या कुत्ते के काटने के अलावा उसकी लार से भी इंसान की जान जा सकती है और क्या स्ट्रीट डॉग के काटने के बाद उस जगह को साबुन से धोना सही होता है? इस बारे में WHO की राय क्या है? आइए जानते हैं इन सभी बातों के बारे में।
क्या साबुन और पानी से दूर होगा रेबीज का रिस्क?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, अगर आपको या आपके किसी अपने को कभी कुत्ते ने काट लिया है तो घबराएं नहीं सावधानी से सही इलाज करवाएं और देरी बिल्कुल न करें। मेनका गांधी की बहन अंबिका शुक्ला ने मीडिया को बताया था कि रेबीज एक नाजुक वायरस होता है। अगर किसी को कोई संक्रमित कुत्ता काट लेता है तो वह उस समय साबुन और पानी से नुकसान हुई स्किन को साफ कर सकते हैं।
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ये दावा सही या नहीं?
मगर हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट बताती है कि कुत्ते का काटना गंभीर होता है। आप अपने घाव को साबुन और पानी से धो सकते हैं, लेकिन सिर्फ इतना करना काफी नहीं है। साबुन से घाव धोने के बाद आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनके द्वारा बताए इलाज और टेस्ट को फॉलो करना चाहिए। रेबीज से बचने के लिए आपको समय बर्बाद करने से बचना चाहिए।
क्या कुत्ते की लार से इंफेक्शन हो सकता है?
हाल ही में यूपी के बदायूं में एक मामला सामने आया है, जिसमें एक आवारा कुत्ते ने 2 साल की बच्ची को सिर्फ चाट लिया था जिस वजह से उसे रेबीज हुआ और उसकी मौत हो गई। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या कुत्ते से खुद को चटवाना भी अब खतरनाक हो गया है? अक्सर लोग स्ट्रीट डॉग से भी खुद को चटवाते हैं, जो शायद संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकता है। कुत्ते की लार में भी वायरस मौजूद होता है, जो शरीर में घुसकर जहर की तरह फैलते हैं।

कुत्ते की लार में होते हैं ये जानलेवा वायरस
बदायूं केस में बच्चे का इलाज करने वाले अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रशांत त्यागी कहते हैं कि कुत्ते की थूक में भी ऐसे खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं जिसके संपर्क में आने से इंसान की जान जा सकती है। इतना ही नहीं, कुत्ता अगर किसी घाव या पुरानी चोट, आंख, नाक और मुंह को चाट लेता है तो भी रेबीज हो सकता है।
कुत्ते की लार में पास्तुरेला मल्टोसिडा, कैप्नोसाइटोफागा कैनिमॉरसस, स्टैफिलोकोकस ऑरियस, स्ट्रेप्टोकोकस और ऐनरोबिक बैक्टीरिया होते हैं। इन सभी बैक्टीरिया से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, खून में इंफेक्शन से लेकर स्किन और गले में भी संक्रमण हो जाता है।
वायरस शरीर में कैसे फैलता है?
- लार के जरिए घाव में प्रवेश कर सकता है।
- इसके बाद नर्व सेल्स के माध्यम से धीरे-धीरे मस्तिष्क तक पहुंच सकता है।
- संक्रमित खून से शरीर के कई अंगों को खराब कर सकता है।
लक्षण कैसे होते हैं?
- बुखार, सिरदर्द और बेचैनी होना।
- पानी से डर लगना।
- मांसपेशियों में ऐंठन होना।
- मानसिक भ्रम और एग्रेसिव बिहेवियर दिखना।
कुत्ते के काटने के बाद क्या करें?
- संक्रमित जगह को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
- तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर एंटी-रेबीज वैक्सीन जरूर लगवाएं।
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