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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

जिस बेटी को बेटे की तरह पाला, उसे हुआ सहेली से प्यार, शादी के लिए पहुंची थाने

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने वाली लड़की को अपनी ही सहेली से प्यार हो गया। इसके बाद दोनों लड़कियां शादी के लिए घर से भाग गईं। चलिए जानते हैं इस पर कानून क्या कहता है?

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: May 15, 2025 13:22
Bijnor News in Hindi

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां दो सहेलियां एक-दूसरे के साथ शादी करने की जिद पर अड़ गई हैं। जब इन लड़कियों को घरवालों ने शादी की इजाजत नहीं दी, तो ये दोनों सहेलियां घर से भाग गईं और पुलिस के पास पहुंचीं। लड़कियों ने पुलिस को सारी बात बताई और उनसे साथ रहने की अनुमति मांगी। इस दौरान एक लड़की के परिवार ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। चलिए जानते हैं आखिर ये पूरा मामला क्या है और इसमें कानून क्या कहता है?

बेटों की तरह पाली बेटी

यह मामला बिजनौर जिले के अफजलगढ़ थाने के एक गांव का है। इस गांव में एक महिला की दो बेटियां थीं। महिला ने पति की मौत के बाद अपनी बड़ी बेटी को बेटों की तरह पाला। इस लड़की का रहन-सहन और पहनावा सब कुछ लड़कों की तरह हो गया। लड़की ने बेटों की तरह ही अपनी मां और बहन की जिम्मेदारी भी उठाई। इसके लिए उसने पेट्रोल पंप करने से लेकर ई-रिक्शा चलाने तक का काम किया। इस दौरान ही लड़की को अपनी दोस्त के साथ प्यार हो गया। दोनों का प्यार इतना गहरा हो गया कि दोनों ने साथ रहने का फैसला कर लिया।

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सहेली से शादी के लिए घर से भागी बेटी

लड़कियों ने इसके बारे में अपने घर में बताया, परिवार के मना करने के बाद दोनों सहेलियां साथ रहने के लिए घर से भाग गईं। 3 दिन पहले लड़कियां अफजलगढ़ थाने पहुंचीं और पुलिस से शादी की अनुमति मांगी। लड़कियों ने बताया कि वे एक-दूसरे से प्यार करती हैं और रहने के लिए शादी करना चाहती हैं। वहीं पुलिस ने भी दोनों को साथ रहने से नहीं रोका, क्योंकि दोनों लड़कियां बालिग थीं। बताया जा रहा है कि दोनों लड़कियां फिलहाल लिव-इन में रह रही हैं। अब लड़की की मां अफजलगढ़ थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी अफजलगढ़ के एसओ सुमित राठी ने देने से मना कर दिया।

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क्या कहता है कानून?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर 2018 को समलैंगिक के हक में फैसला सुनाते हुए आईपीसी की धारा 377 को अपराध से मुक्त कर दिया था। साथ ही निजी तौर पर सहमति से समलैंगिक यौन संबंध बनाने की अनुमति दी थी। हालांकि, समलैंगिक विवाह को लेकर कोर्ट ने कहा कि दो एक जैसे लोग आपसी सहमति से साथ में रहते हैं, लेकिन शादी कर सकते हैं।

First published on: May 15, 2025 01:22 PM

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