Badrinath Dham: उत्तराखंड पर्यटन विभाग के विशेष कार्यकारी अधिकारी भास्कर खुल्बे और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने शनिवार को बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों का जायजा लिया। जायजा लेने के बाद अधिकारियों ने कहा कि तीर्थयात्रियों को जल्द ही बद्रीनाथ में बेहतर से बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
निरीक्षण के बाद जारी हुआ बयान
बद्रीनाथ धाम में निरीक्षण के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पर्यटन विभाग के विशेष कार्यकारी अधिकारी भास्कर खुल्बे और प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल शनिवार को बद्रीनाथ धाम पहुंचे। बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत किए जा रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया।
Uttarakhand | Bhaskar Khulbe, Special Executive Officer in the Tourism Department and Shmangesh Ghildiyal, Deputy Secretary of the Prime Minister's Office reached Badrinath Dham today and took stock of the reconstruction work being carried out under the Badrinath Master Plan, the… pic.twitter.com/ncwI4Ur5OF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 6, 2023
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कठिन परिस्थितियों में चल रहा है काम
भास्कर खुल्बे ने कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद बदरीनाथ में जिस तेजी से पुनर्निर्माण काम चल रहा है, वह काबिले तारीफ है। आने वाले समय में तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ धाम में कई बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इससे तीर्थयात्रियों को भगवान बद्रीनाथ की पूजा-अर्चना और दर्शन करने में काफी राहत मिलेगी।
बीकेटीसी अध्यक्ष ने की किया था दौरा
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने उन्हें पुनर्निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। बता दें कि इससे पहले अप्रैल में बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बद्रीनाथ मंदिर का दौरा किया था। पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करते हुए यात्रा व्यवस्था की समीक्षा की थी।
मंदिर के रास्ते पर बनाई जाएगी रेलिंग
अधिकारियों ने चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के बाद तीर्थ यात्रियों के लिए यात्रा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को काम में निरंतर तेजी रखने के निर्देश दिए। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उन्होंने अधिकारियों को मंदिर के पास बीकेटीसी के ध्वस्त वीआईपी गेस्ट हाउस के मलबे को जल्द से जल्द हटाने और मंदिर के रास्ते पर रेलिंग बनाने का भी निर्देश दिया।