Kidney Stolen Case In Bulandshahr (शाहनवाज चौधरी): यूपी के बुलंदशहर की महिला मरीज ने मेरठ के केएमसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के 6 डॉक्टरों पर किडनी चोरी कर बेचने का आरोप लगाकर सरकारी सिस्टम में हड़कंप मचा दिया है। महिला की तहरीर के आधार पर बुलंदशहर के थाना नरसैना में 6 डॉक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है। पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
जनपद बुलंदशहर के कस्बा बुगरासी निवासी कविता, पत्नी जयदेव, साल 2017 में अचानक बीमार हुई। कविता इलाज के लिए केएमसी अस्पताल मेरठ पहुंच गई। कविता के मुताबिक, डॉ. सुनील गुप्ता ने जांच के बाद उन्हें पेट के ऑपरेशन की सलाह दी।
कविता ने 20 मई साल 2017 को ऑपरेशन करा लिया। तीन दिन बाद कविता को छुट्टी भी मिल गई। कुछ दिनों बाद फिर से कविता की हालत बिगड़ गई। फिर जांच के लिए डॉक्टरों के पास पहुंची। डॉ. सुनील गुप्ता और उनके साथी डॉक्टरों ने महिला की जांच की और अल्ट्रासाउंड कराकर सब कुछ ठीक होने का दावा किया और वापस लौटा दिया।
ऐसे खुला किडनी चोरी का मामला
कविता ने बताया कि समस्या बढ़ने पर उन्होंने अन्य डॉक्टर से 28 अक्टूबर साल 2022 को जांच कराई, तो पता चला कि एक किडनी गायब थी। कविता ने आरोपी डॉक्टरों से बात की लेकिन बाहरी रिपोर्ट को केएमसी के डॉक्टरों ने नकार दिया।
#बुलंदशहर: जो धरती के भगवान कहे जाते हैं उन पर कविता की किडनी निकालने का आरोप लगा है। मेरठ के 5 डॉक्टर्स के खिलाफ बुलंदशहर में एफआईआर दर्ज हो गई है। pic.twitter.com/KXSVeX8Vvz
— Shah Nawaz journalist (News 24) (@Shahnawazreport) January 15, 2025
कविता ने डॉ. सुनील गुप्ता पर किडनी निकालकर मानव अंगों की तस्करी का आरोप लगाकर कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी। कविता का कहना है कि डॉ. सुनील गुप्ता ने साथी डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ से सांठगांठ कर फर्जी रिपोर्ट जारी करवाई। फर्जी रिपोर्ट में डॉक्टर दोनों किडनी दिखाता रहा, जबकि उसकी दाईं किडनी को निकाल लिया गया था।
6 पर एफआईआर दर्ज
इस घटना के बाद कविता ने इनकी शिकायत मेरठ पुलिस से की थी, लेकिन डॉक्टर्स के रसूख के आगे महिला की एक न चली। पुलिस ने कविता की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में कविता ने ACJM-तृतीय बुलन्दशहर की कोर्ट में शिकायत की।
कोर्ट के आदेश पर नरसैना थाने में केएमसी इमेजिंग एंड डायग्नोस्टिक सेंटर (Unit Of Kamana Medical Centre Pvt Ltd) बागपत रोड मेरठ के सर्जन डॉ. सुनील गुप्ता, उनकी पत्नी डॉ. प्रतिभा गुप्ता, डॉ. अजय एन वत्स (MD) रेडियोलॉजी, निकिता जग्गी (MD), डॉ. सतीश कुमार अरोरा एमबीबीएस (MD), हॉस्पिटल के अज्ञात कर्मचारी और डॉ. सीमा वार्ष्णेय (MD) वाष्णेय क्लिनिक पैथोलॉजी- 1 बागपत गेट, दिल्ली रोड अपोजिट रानी मील निकट ICICI बैंक, मेरठ के खिलाफ मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 की धारा 18, आईपीसी की धारा 120 बी, 326, 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। एसपी सिटी शंकर प्रसाद ने बताया कि मानव अंग प्रत्यारोपण की धारा समेत कई गंभीर धाराओं में 06 डॉक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। ये रिपोर्ट कोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई है और जांच शुरू कर दी गई है।
मरीज ने सुनाई आपबीती
कविता ने बताया कि जब उसने अपना अल्ट्रासाउंड देखा, तो गायब किडनी को देखकर वह बेहोश हो गई। उसे लगा जैसे उसका सब कुछ छीन लिया गया हो और वह दुनिया में कुछ दिनों की ही मेहमान है। डॉक्टर्स ने उसका मानसिक शोषण भी किया था।
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