Rajasthan News : राजस्थान सरकार ने 23 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले अपने मंत्रियों को फील्ड में उतार दिया है। सभी प्रभारी मंत्री 19 और 20 जनवरी को अपने जिलों में जाकर जनहितकारी योजनाओं का फीडबैक लेंगे। जिला अधिकारियों के साथ बैठकें कर योजनाओं की रियल टाइम परफोर्मेंस देखेंगे। इसके बाद इसका डेटा मुख्यमंत्री को देंगे।
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बजट घोषणाओं की जानेंगे स्थिति
सभी मंत्री जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं का हाल जानेंगे। इस दौरान जिले की जरूरतों पर भी बात होगी। ताकि जरूरी चीजों का प्रावधान बजट में भी किया जा सके। जिला प्रभारी मंत्री चार साल की बजट घोषणाओं का रिव्यू भी करेंगे।
सरकार का अंतिम बजट
चुनावी साल में सरकार चाहती है कि बजट सत्र के दौरान विपक्ष को हमलावर होने का कोई मौका नही दिया जाए। विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मंत्रियों को फील्ड में भेजने के पीछे यही मंशा है कि तमाम विभागों की ओर से फील्ड में हो रहे काम की पूरी जानकारी रहे ताकि सरकार विधानसभा में किरकिरी होने से खुद को बचा सके। पहले यह प्रोग्राम 16 व 17 जनवरी को होना था लेकिन इस दौरान चिंतन शिविर का आयोजन किया जाना है।
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मंत्री देंगे विभाग का प्रजेंटेशन
16 व 17 जनवरी को आयोजित होने वाले चिंतन शिविर में सभी विभागों के काम का रिव्यू होगा। इसमें सभी मंत्री अपने विभाग का विस्तृत प्रजेंटेशन देंगे। इस दौरान विभागों की योजनाओं की स्थिति और पिछले चार साल के बजट घोषणाओं की समीक्षा होगी। हाल ही सीएम गहलोत कह भी चुके हैं कि चिंतन शिविर में सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा सामने आएगा और जो कमियां सामने आएंगी उनको अगले बजट में शामिल करके दूर किया जाएगा।
संगठन के कामकाज की होगी समीक्षा
चिंतन शिविर में सामने आने वाली कमियों के हिसाब से भी मंत्री फील्ड में जाकर समीक्षा करेंगे ताकि संबंधित विभागों को इन्हें ठीक करने के लिए एक्टिव किया जा सके। वही चिंतन शिविर के दौरान संगठन के कामकाज की भी समीक्षा होगी। यह पता लगाया जाएगा किस जिले में योजनाओं को लेकर स्थिति खराब है। उसके बाद उस जिले के लिए विशेष रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा।
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