Rajasthan Assembly Election 2023: पश्चिमी राजस्थान की बाड़मेर सीट भाजपा के लिए चुनौती बन गई है। पार्टी ने अब तक यहां से किसी को उम्मीदवार नहीं बनाया है। इस सीट से डाॅक्टर प्रियंका चौधरी मजबूत दावेदार मानी जा रही है। लेकिन अभी पार्टी ने उनका टिकट फाइनल नहीं किया है। इस बीच प्रियंका ने शनिवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया।
नामांकन से पहले सिणधरी सर्किल पर सभा आयोजित की गई। जिसे संबोधित करते हुए प्रियंका भावुक हो गई। प्रियंका ने कहा कि वह पार्टी की समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ता है। मुझे पूरा भरोसा है कि पार्टी उन्हें जरूर टिकट देगी। मैं आज शुभ मुहूर्त में उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर रही हूं। इस सभा में साधु संतों के साथ पूर्व विधायक रावलोत समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
Barmer: Priyanka Chaudhary files nomination as BJP candidate without party naming her as candidate
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प्रियंका बोलीं’- पार्टी मुझे ही बनाएगी उम्मीदवार
सिणधरी चौराहे पर सभा के बाद प्रियंका चौधरी कलेक्ट्रेट पहुंचीं और नामांकन दाखिल किया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज मैंने भाजपा से फाॅर्म भरा है मुझे पूरी आशा है कि पार्टी भरोसा जताते हुए मुझे ही प्रत्याशी घोषित करेगी। शनिवार को जब प्रियंका ने भाजपा के अघेाषित उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया तो इस बात का ख्याल रखा कि कोई भी नेता पार्टी के विरोध में नहीं बोले। क्योंकि पार्टी ने अभी तक इस सीट से किसी को भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
कैलाश चौधरी को बनाया जा सकता है उम्मीदवार!
बता दें कि पार्टी प्रियंका चौधरी को टिकट देने के पक्ष में नहीं है। वहीं कांग्रेस ने यहां से मेवाराम जैन को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी मेवाराम के सामने मजबूत प्रत्याशी को उतारना चाहती है। पहले इस सीट पर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन फिलहाल पार्टी की ओर से किसी को प्रत्याशी नहीं घोषित नहीं किया गया है। कांग्रेस द्वारा मेवाराम जैन को प्रत्याशी घोषित करने के बाद से कैलाश चौधरी ने अपने कदम पीछे खींच लिए। इससे पहले वे इस सीट से मजबूत दावेदार बनकर सामने आ रहे थे।
इस वजह से नहीं बनाया उम्मीदवार
गौरतलब है कि प्रियंका चौधरी दिग्गज जाट नेता एवं पूर्व मंत्री गंगाराम चौधरी की पौत्री हैं। प्रियंका ने बाड़मेर से 2013 में चुनाव लड़ा था लेकिन वह मेवाराम जैन से हार गईं। इसके बाद वह 2018 में भी उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल थीं लेकिन तब पार्टी ने पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम को प्रत्याशी बनाया था। सूत्रों की मानें तो पार्टी प्रियंका चौधरी को पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से पारिवारिक संबंधों के चलते टिकट नहीं दे रही है। पिछले कुछ महीनों से सत्यपाल मलिक लगतार पीएम के खिलाफ बयान बाजी कर रहे है। वहीं कुछ दिन पहले उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को इंटरव्यू दिया था जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है।