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पूर्व राजपरिवार में क्यों मचा घमासान? सड़क पर आई चाचा-भतीजे की लड़ाई

Udaipur Royal Family Dispute: उदयपुर में रॉयल फैमिली के बीच चल रहा विवाद उस वक्त खुलकर सामने आ गया, जब विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ। आइए आपको इस पूरे विवाद की कहानी बताते हैं।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Nov 27, 2024 19:57
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vishwa raj singh mewar vs arvind singh mewar
विश्वराज सिंह मेवाड़ और अरविंद सिंह मेवाड़।

के जे श्रीवत्सन, जयपुर  

Udaipur Royal Family Dispute: एक तरफ राजतिलक के बाद तमाम शाही अधिकार हैं, लेकिन शाही संपत्ति का हक और महल में प्रवेश की आजादी नहीं। यह दास्तां है मेवाड़ पूर्व राजघराने की, जहां चाचा-भतीजे के वर्चस्व की लड़ाई अब सड़कों पर आ गई है। शक्ति प्रदर्शन भी ऐसा कि शाही परंपरा के तहत राजतिलक होने के बावजूद भी वे अपने शाही महल परिसर में जाकर प्राचीन धूनी के दर्शन की परम्परा तक नहीं निभा पाए। आलम ये है कि प्रशासन को उदयपुर सिटी पैलेस इलाके में निषेधाज्ञा की धारा 163 लागू करनी पड़ गई। मेवाड़ के पूर्व शाही घराने के बीच संपत्ति विवाद को लेकर मचे घमासान पर पेश है एक रिपोर्ट…

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धूनी दर्शन की परम्परा स्थगित

चित्तौड़गढ़ के फतेह प्रकाश महल में हुए अपने शाही राजतिलक की परम्परा के बाद उदयपुर के सिटी पैलेस परिसर में बने धूनी माता के दर्शन को लेकर मचे तीन दिनों से बवाल बदस्तूर जारी है। हालांकि आज गतिरोध को तोड़ते हुए दिवंगत महेंद्र सिंह मेवाड़ के बड़े बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ ने धूनी दर्शन की परम्परा को कानूनी पेचीदगियों को चलते स्थगित कर दिया। अगली परम्परा के चरण के तहत वह मेवाड़ के आराध्य देव एकलिंगजी और विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए निकल पड़े।

सुरक्षा के इंतजाम 

यह वही मंदिर है जिन्हें मेवाड़ का शासक मानकर पीढ़ियों से सभी महाराणा राजतिलक के बाद खुद को उनका दीवान बताकर काम करते हैं। चूंकि एकलिंगजी मंदिर ट्रस्ट भी उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के आधीन ही है, ऐसे में वर्चस्व की जंग का असर यहां भी ना देखने को मिले, इसके लिए सुरक्षा के बड़े प्रबंध देखने को मिले। एकलिंग नाथ मंदिर ट्रस्ट और पुजारियों की ओर से यहां विश्वराज सिंह का शोक निवारण के तहत पगड़ी की रस्म अदा कर कलर दिया गया। जिसके बाद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद मेवाड़ के पूर्व राजघराने के साथ राव-उमराव पर आया शोक खत्म हुआ।

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पावर का दुरुपयोग- लक्ष्यराज

उधर, इस पूरे प्रकरण पर मेवाड़ ट्रस्ट पर अधिकार रखने वाले अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि देश में एक संविधान एक कानून है। बावजूद इसके, उनके विधायक चाचा विश्वराज सिंह अपनी पावर का दुरुपयोग कर रहे हैं। बिना अनुमति उनके घर सिटी पैलेस में कोई कैसे प्रवेश कर सकता है? हालांकि उन्होंने भी माना कि पारिवारिक विवाद का इस तरह से सडक पर आना शर्म की बात है, लेकिन उनके चाचा विश्वराज सिंह भीड़ के साथ शक्ति प्रदर्शन करना चाह रहे हैं।

इस तरह शुरू हुई संपत्ति की लड़ाई 

बता दें कि मेवाड़ के पूर्व राजघराने के आखिरी महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ के दो बेटे और एक बेटी हैं। बड़े बेटे का नाम महेंद्र सिंह मेवाड़ और छोटे बेटे का नाम अरविंद सिह मेवाड़ है। भगवत सिंह ने महेंद्र सिंह मेवाड़ को अपनी प्रॉपर्टी और ट्रस्ट से बेदखल कर दिया। यहीं से संपत्ति विवाद की कानूनी लड़ाई शुरू हुई क्योंकि महाराणा भगवत सिंह ने साल 1963 से 1972 तक राजघराने आलीशान होटल लेक पैलेस (जग निवास), जग मंदिर, फतह प्रकाश, शिव निवास, गार्डन होटल के अलावा सिटी पैलेस म्यूजियम जैसी बेशकीमती प्रॉपर्टीज को या तो बेच दिया या उन्हें लीज पर दे दिया।

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संपत्तियों को अविभाज्य बताया

जिस पर बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ ने आपत्ति जताते हुए अपने ही पिता के खिलाफ 1983 में कोर्ट केस कर दिया। दावा किया कि शाही सम्पतियां पैतृक सम्पत्तियां होकर विधि के तहत आती हैं। उन्होंने आजादी के बाद लागू हुए हिन्दु उतराधिकार अधिनियम के अनुसार पूरी संपत्ति में उसका हिस्सा देने की बात कही थी। जबकि छोटे बेटे अरविन्द सिंह मेवाड़ में रूल ऑफ प्राइमोजेनेचर के तहत पिता की वसीयत के आधार पर खुद को उनका एग्जीक्यूटर बताते हुए संपत्तियों को अविभाज्य बताया था। ये मामला कोर्ट में 37 सालों तक चला। इसके बाद साल 2020 में उदयपुर की जिला अदालत ने फैसला सुनाते हुए 1559 में बने शम्भू निवास यानी सिटी पैलेस के 11 आलिशान महल, बड़ी पाल और घास घर की संपत्तियों के बराबर बंटवारे का फैसला दिया गया। जिस पर हाई कोर्ट ने 2022 में रोक लगा दी और सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के इसी फैसले को बरकरार रखा।

विश्वराज का संपत्ति पर नहीं अधिकार 

इसके बाद छोटे बेटे होने के बावजूद भी अरविंद सिंह मेवाड़ सिटी पैलेस के शंभू निवास और वसीयत से बेदखल किए गए। बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ समोर बाग में रहने लगे। यानी मेवाड़ की परम्परानुसार बड़े बेटे के बेटे विश्वराज का महाराणा के पद ‘राजतिलक’ तो हो गया लेकिन महल के साथ- साथ शाही संपत्ति पर उनका कोई अधिकार तक नहीं है। इतने बड़े सम्पत्ति विवाद के इस तरह से सामने आने के बाद दोनों ही पक्ष अब अपने-अपने समर्थक राव-उमराव और ठिकानेदारों के साथ मिलकर आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं। चूंकि न्यायपालिका तक यह मामला पहुंच चुका है। ऐसे में जब तक इस पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता तब तक दोनों तरफ से वर्चस्व की यह जंग इसी तरह से मौके-बेमौके पर सामने आती रहती है। फिलहाल तो दोनों ही तरफ से विवाद की बर्फ नहीं पिघल रही है। ऐसे में प्रशासन ने पैलेस से धूनी मंदिर जाने वाले मार्ग को कुर्क करते हुए धारा 163 लगाकर विवाद की ‘आईस ब्रेकिंग’ करने की कोशिश की है।

सरकार ने भेजी टीम 

मेवाड़ नाम के साथ राजस्थान की आन बान शान भी जुड़ी हुई है ऐसे में राजस्थान सरकार 20 पूरे प्रकरण को लेकर किस तरह गंभीर है। इसका अंदाजा इस बात से लगाए जा सकता है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अधीन आने वाले राजस्थान के गृह मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी के साथ कई वरिष्ठ प्रशासनिक और आला पुलिस अधिकारियों की एक टीम को भी उदयपुर भेजा गया है। जोकि लगातार मौके पर मौजूद स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क में है।

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नहीं होना चाहिए शक्ति प्रदर्शन 

प्रशासन की पहल के बाद मेवाड़ के पूर्व राजघराने के वंशजों के बीच छिड़ा तनाव कुछ कम होता भी उस वक्त नजर आया जब प्रशासन के सहयोग से विश्वराज सिंह मेवाड़ को परंपरा के अनुसार सिटी पैलेस ले जाकर धूनी के दर्शन करवाए गए। हालांकि उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ की ओर से प्रशासन को पहले ही बता दिया गया था कि यदि चुनिंदा 5-10 लोगों के साथ विश्वराज सिंह मेवाड़ धूनी दर्शन के लिए आते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसके नाम पर शक्ति प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। प्रशासन ने विश्वराज सिंह को यह बात बता दी और अपनी सुरक्षा घेरे में शाम को 6:15 बजे सिटी पैलेस परिसर में स्थित धूनी के दर्शन करने ले गए। विश्वराज सिंह के साथ सलूंबर के देवव्रत रावत भी मौजूद थे यह वही है जिन्होंने परंपरा के अनुसार खून से विश्वराज सिंह मेवाड़ का तिलक किया था। सिटी पैलेस परिसर में स्थित धूनी के दर्शन के साथ ही मेवाड़ शाही खानदान के परंपरा के अनुसार राजतिलक की प्रक्रिया भी पूरी हो गई।

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Written By

Pushpendra Sharma

First published on: Nov 27, 2024 07:53 PM

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