उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में ओढ़ा रेलवे ब्रिज पर शनिवार को हुए ब्लास्ट की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई उससे पहले एक ओर बड़ी साजिश सामने आयी है। ओढ़ा रेलवे ब्रिज पर ब्लास्ट के चौथे दिन उदयपुर से करीब 70 किमी दूर डूंगरपुर जिले के भबराना पुलिया के नीचे सोम नदी से 186 किलो विस्फोटक बरामद किया है। ये सभी जिलेटिन की छड़ें आसपुर में 10 बोरे नदी के पास पड़े मिले हैं। नदी के पानी में भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।
Rajasthan | 186 kg gelatin sticks were found abandoned under the Bhabrana bridge in Dungarpur district yesterday, to be sent for FSL examination, say police. pic.twitter.com/HMJ0x81QlB
---विज्ञापन---— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) November 16, 2022
आसपास के इलाकों में मचा हड़कंप
जानकारी मिली है कि जिलेटिन के कट्टे डूंगरपुर जिले के गडा नाथजी के पास सोम नदी पर बने भबराना पुल के नीचे से बरामद किए गए हैं। मालूम हो कि जिलेटिन का उपयोग किसी ब्लास्ट के लिए किया जाता है। वहीं भारी मात्रा में जिलेटिन मिलने के बाद गांव के आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया और जानकारी मिलते ही डीएसपी और पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा।
पुलिस ने दी ये जानकारी
सूचना पर पहुंची पुलिस ने विस्फोटक को बरामद करने के साथ ही जांच शुरू कर दी है। आसपुर थानाधिकारी सवाई सिंह ने बताया कि मंगलवार शाम के समय गड़ा नाथजी गांव के कुछ लोग भबराना पुल के पास से गुजर रहे थे। उस समय पुल के नीचे सोम नदी में कुछ कार्टन नजर आए। इस पर लोगों ने आसपुर थाना पुलिस को सूचना दी। सूचना पर आसपुर थानाधिकारी सवाई सिंह मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे।
बता दें इसके बाद जब इन बोरों को खोला गया तो इन बोरों में भारी मात्रा में जिलेटिन की छड़ें देखकर पुलिस हैरान रह गई। पुलिस ने सभी बोरों को जब्त कर लिया है। जिलेटिन के बोरों पर राजस्थान का पता लिखा हुआ था लेकिन पैकेट के पानी में भीग जाने के कारण पैकेट गलने से कुछ स्पष्ट नहीं समझ नहीं आ रहा है। जिलेटिन भरे बोरे कहां से आए और कौन यहां रखकर गया कुछ पता नहीं चला है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
हमले का मॉड्यूल नक्सलियों जैसा
वहीं इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि आमतौर पर नक्सली हमले के लिए जिलेटिन छड़ों का उपयोग करते हैं। इसके अलावा खदानों में भी जिलेटिन छड़ों का यूज किया जाता है। जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, चूंकि इस विस्फोट का मॉड्यूल नक्सली हमले जैसा था इसलिए जांच का दायरा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात तक बढ़ा दिया गया है। टीमें मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ भी भेजी गई हैं।