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मंत्री बनाकर मैदान में उतारे गए थे सुरेंद्र पाल सिंह, फिर भी करणपुर में क्यों हार गई BJP?

Reasons for BJP's defeat in Sri Karanpur: भाजपा ने सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को करणपुर सीट पर चुनाव से पहले ही मंत्री बना दिया था। लेकिन फिर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Jan 8, 2024 14:03
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Congress Candidate Rupinder Singh Kunnar defeated BJP's Surendra Pal Singh TT in Karanpur By Election 2024
Congress Candidate Rupinder Singh Kunnar defeated BJP's Surendra Pal Singh TT in Karanpur By Election 2024

केजे श्रीवत्सन

Reasons for BJP’s defeat in Sri Karanpur : राजस्थान में नए-नए मुख्यमंत्री बने भजनलाल शर्मा को पहला तगड़ा झटका लगा है। श्री करणपुर विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी की करारी हार हुई है। उन्हें कांग्रेस के रुपिंदर सिंह कुन्नर ने हराया है। दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के चलते नवंबर महीने में हुए विधानसभा चुनाव में यहां मतदान नहीं हो पाया था। कांग्रेस ने स्थगित हुए इस चुनाव में गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे रुपिंदर को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था।

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उधर भाजपा ने सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को न केवल मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री बना दिया बल्कि उन्हें 4 अहम पोर्टफोलियो भी दे दिए थे। इस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए इसे मतदाताओं को लुभाने की कोशिश बताया था और चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की थी। पांच जनवरी को श्री करणपुर विधानसभा के लिए वोटिंग हुई थी और आज उसके नतीजे आए जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित भाजपा के तमाम बड़े नेताओं के चुनाव प्रचार के बाद भी सुरेंद्र पाल सिंह नहीं जीत सके।

भाजपा की हार के चार कारण

  1. रुपिंदर सिंह कुन्नर के प्रति सहानुभूति की लहर थी। जिसका फायदा जीत के रूप में नजर आया। पिता के निधन की वजह से माना जा रहा है कि उन्हें बड़ी संख्या में सिंपैथी वोट भी मिले।
  2. सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बनाए जाने की वजह से गंगानगर और हनुमानगढ़ के भाजपा विधायक ही उन्हें हराने में लग गए थे। इन्होंने न तो ठीक से प्रचार किया न कोई दमखम लगाया।
  3. भाजपा के सुरेंद्र पाल सिंह को हराने के लिए गंगानगर और बीकानेर के सांसदों ने भी अहम भूमिका निभाई। मंत्री बना कर चुनावी मैदान में उतारने का भाजपा का दांव काम नहीं कर पाया।
  4. इस हार में वसुंधरा राजे का भी अहम रोल बताया जा रहा है। पहले मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने और उसके बाद अपने समर्थकों को मंत्री नहीं बनाए जाने से वसुंधरा इन दिनों खासी नाराज हैं।

बहरहाल रुपिंदर सिंह कुन्नर की जीत के बाद कांग्रेस खेमे में जबरदस्त उत्साह का माहौल है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उन्हें जीत की बधाई देते हुए श्री करणपुर की जनता का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की मतदाताओं को लुभाने की कोई कोशिश कामयाब नहीं हुई और अब पार्टी के कार्यकर्ता पूरे दमखम के साथ लोकसभा चुनाव में भी जीत के इस सिलसिले को बरकरार रखने में पूरी ताकत के साथ जुट जाएंगे।

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डोटासरा बोले- पर्ची लाकर सरकार न चलाए भाजपा

इसे लेकर डोटासरा ने कहा है कि करणपुर की जनता और कार्यकर्ताओं को बधाइयां। जीतने के बाद भाजपा सरकार कोई काम नहीं कर रही थी। उन्होंने एक महीना मंत्रिमंडल गठित करने में लगा दिया। 10 दिन उनका विभाग बांटने में लगा दिए। बाकी समय कांग्रेस सरकार की योजनाओं के नाम बदलने में लगा दिए। आदर्श आचार संहिता का भी बीजेपी ने उल्लंघन किया। चुनाव जीतने से पहले ही सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री पद के शपथ दिला दी। बावजूद इसके चुनाव आयोग मौन रहा, लेकिन जनता ने अपना जवाब दे दिया।

उन्होंने कहा कि करणपुर की जनता ने गुरमीत सिंह कुन्नर को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। डोटासरा ने कहा कि मैं सरकार को बिना मांगे एक सलाह देना चाहता हूं। दिल्ली से पर्ची लाकर सरकार चलाने की बजाय जन भावनाओं का ख्याल रखें। आपको 5 साल सरकार चलाने के लिए जनता ने मौका दिया है। इस जीत से हमारे कार्यकर्ताओं में उत्साह है। आगामी लोकसभा चुनाव में हम कांग्रेस को अच्छी सीटें देकर भेजेंगे। एनडीए की सरकार दिल्ली से भी इस बार जाएगी।

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Written By

Gaurav Pandey

First published on: Jan 08, 2024 01:40 PM

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