Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case : राजस्थान के जयपुर में हमलावरों ने घर के अंदर घुसकर राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को गोली मार दी। उनकी हत्या को लेकर एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें 20 सेकंड में 6 बार गोली चली है। इस घटना के बाद करणी सेना ने बुधवार को राजस्थान बंद रखा है। करणी सेना की स्थापना कब और क्यों हुई थी? कैसे सिर्फ एक बयान से चर्चा में आ गई करणी सेना? जानें सबकुछ इस खबर के माध्यम से।
राजस्थान में दो दिन पहले ही विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए थे। इसके ठीक बाद ही सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या ने पूरे देश में सनसनी फैला कर रख दी है। साल 2006 में करणी सेना की स्थापना हुई थी। संगठन के संस्थापन लोकेंद्र सिंह कालवी ने करणी माता के नाम पर करणी सेना का नाम रखा था। उनका मार्च 2023 में निधन हो गया था। सुखदेव सिंह भी करणी सेना से सदस्य थे। हालांकि, बाद में वे करणी सेना से अलग हो गए और एक संगठन राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना बना लिया था. इसके पीछे की वजह करणी सेना में अंदरुनी कलह थी। वे इस संगठन के अध्यक्ष बन गए। इसके बाद साल 2021 में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में मूल करणी सेना भी विलय हो गई।
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संस्कृति की रक्षा करती है करणी सेना
यह कोई राजनीतिक संगठन नहीं है, लेकिन फिर भी राजनीतिक पार्टियां इस संगठन को अपने पक्ष में करने के लिए जुटी रहती हैं। इस संगठन का राजस्थान के राजपूत बहुल्य इलाकों में अच्छा खासा प्रभाव है। इसके कहने पर भारी संख्या में भीड़ जुट जाती है और लोग प्रदर्शन करने के लिए तैयार हो जाते हैं। संगठन का दावा है कि उसकी सेना संस्कृति की रक्षा के लिए ही काम करती है।
अपने इस बयान से चर्चा में आई थी करणी सेना
करणी सेना ने 2018 में बनी फिल्म पद्मावत का जमकर विरोध किया था। कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर इस फिल्म को बैन करने की डिमांड उठाई थी। इस फिल्म के विरोध में करणी सेना ने बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की कान काटने की धमकी दी थी। इसके बाद से ही करणी सेना चर्चा में आई और लोग इसके बारे में सर्च करने लगे।