Suicides in Kota: के जे श्रीवत्सन, जयपुर; कोटा समेत राजस्थान की कोचिंग संस्थाओं में पढ़ने वाले बच्चे लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। कोटा में पिछले आठ महीने में 19 बच्चे खुदकुशी कर चुके हैं। बढ़ते सुसाइड मामले चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। इसे लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कोचिंग संस्थानों के संचालकों की शुक्रवार को मीटिंग हुई। इस बैठक के बाद सीएम अशोक गहलोत ने बड़ा फैसला लिया। सीएम ने इसके लिए एक कमेटी बनाई है जो 15 दिन में सुझाव देकर बताएगी कि इन सुसाइड को कैसे रोका जा सकता है।
सिर्फ राजस्थान की नहीं, पूरे देश की समस्या
सीएम अशोक गहलोत ने कहा- सवाल ये है कि हम आगे कैसे बढ़ें। ये समस्या सिर्फ राजस्थान की नहीं, पूरे देश की है। मैंने एनसीआरबी का डेटा देखा है। देशभर में 2021 में 13 हजार छात्रों ने आत्महत्याएं की हैं। महाराष्ट्र में 1834, एमपी में 1308, तमिलनाडु 1246, कर्नाटक में 855 और उड़ीसा में 834 सुसाइड शामिल हैं।
सुसाइड करने वाला बच्चा दिखाता है ये लक्षण
इस मीटिंग में शामिल वरिष्ठ आईपीएस और एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने कहा कि जब कोई बच्चा सुसाइड करता है तो इसके पीछे कई लक्षण होते हैं। हमने जितने भी केस इंवेस्टीगेट किए हैं, उनमें ये देखने को मिला है कि बच्चा आमतौर पर क्लास अटेंड करना बंद कर देता है। दूसरा, बच्चे के नंबर कम आते हैं तो वह निराश दिखने लगता है। ये बच्चा मेस में खाना नहीं खाता। कभी-कभी रूम बंद कर देता है। आवाज लगाने पर भी नहीं खोलता। लोगों से बातचीत और मिलना भी बंद कर देता है। या फिर मोबाइल स्विच ऑफ कर देगा। इस तरह के रेड फ्लेक्स देखकर कोचिंग और हॉस्टल वाले समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
विद्यार्थियों के हित में कोचिंग संचालकों के साथ संवाद https://t.co/HTc3KuGj1u
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गहलोत ने ट्वीट कर कहा- प्रदेश में विद्यार्थियों की चिंताजनक रूप से बढ़ती आत्महत्याओं की रोकथाम हेतु आज प्रदेश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों, संचालकों व निदेशकों से संवाद किया। इस दौरान विद्यार्थियों पर परीक्षा और प्रतियोगिता के तनाव से निपटने के लिए विशेषज्ञों के सुझावों के अनुरूप आवश्यक निर्देश दिए।
परिवार का दबाव और रिलेशनशिप
वहीं मीटिंग में शामिल कोचिंग संचालकों ने कहा कि कुछ घटनाएं कोचिंग में आने के महीनेभर के अंदर ही हो गईं। पुलिस जांच में ये भी पता चला है कि परिवार के दबाव और रिलेशनशिप ने बच्चों पर असर किया है। हमारे खुद के लिए ये एक चैलेंज बन गया है।