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राजस्थान

जयपुर सेंट्रल जेल से चौंकाने वाला मामला, इलाज के बहाने होटल पहुंचे कैदी, पुलिसकर्मी निलंबित

जयपुर की सेंट्रल जेल से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। इलाज के नाम पर बाहर निकले चार कैदी सीधे होटल पहुंच गए, जहां उन्होंने महिला मित्रों से मुलाकात की और नशे का सामान मंगवाया। अब पुलिस और प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 26, 2025 14:56
Jaipur central jail inmates
Jaipur central jail inmates

जयपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें सेंट्रल जेल के चार कैदी इलाज के नाम पर जेल से बाहर निकले और सीधे होटल पहुंच गए। वहां उन्होंने अपनी महिला मित्रों से मुलाकात की और नशे का सामान भी मंगवाया। इस पूरे मामले में जेल प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जानकारी के अनुसार हत्या, रेप और धोखाधड़ी के आरोपों में बंद कैदी रफीक, भंवर यादव, अंकित और करण इलाज के बहाने जेल से निकले थे, लेकिन अस्पताल की जगह होटल पहुंच गए।

चरस और मोबाइल जेल में ले जाने की योजना

पुलिस जांच में सामने आया है कि कैदी रफीक की पत्नी हीना होटल में चरस और मोबाइल लेकर आई थी। इन सामानों को जेल के अंदर ले जाकर दुगने दामों में बेचने की योजना थी। जेल के डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। पुलिस अब सभी संदिग्धों की कॉल डिटेल, बैंक खातों और संपर्कों की गहन जांच कर रही है ताकि पूरी साजिश का पता लगाया जा सके। यह भी माना जा रहा है कि जेल में लंबे समय से नशे और मोबाइल की तस्करी चल रही थी, जिसमें जेल स्टाफ की मिलीभगत हो सकती है।

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13 आरोपी गिरफ्तार, 5 पुलिसकर्मी निलंबित

इस मामले में अब तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें कैदी रफीक की पत्नी हीना और उसका रिश्तेदार रमजान शामिल हैं। साथ ही, कैदी अंकित का भाई आकाश और उसका दोस्त राहुल भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को शक है कि ये लोग जेल में अवैध सामान पहुंचाने की पूरी योजना में शामिल थे। इस गंभीर लापरवाही के बाद जेल प्रशासन हरकत में आया है और पुलिस ने पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया है। निलंबित पुलिसकर्मियों में सुरेश कुमार, मनोज कुमार, दिनेश कुमार, अमित और विकास शामिल हैं।

पुलिस कर रही गहराई से जांच

पुलिस और जेल प्रशासन अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि इलाज के बहाने होटल तक कैदियों को पहुंचाने की अनुमति कैसे मिली और इसमें कौन-कौन अधिकारी या कर्मचारी शामिल थे। इस पूरे मामले ने सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर समय रहते इस घटना का पता नहीं चलता, तो कैदी न केवल जेल में नशे और मोबाइल की तस्करी करते, बल्कि भविष्य में और भी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते थे। जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।

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First published on: May 26, 2025 01:36 PM

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