Srdarshahar By-Election Result: राजस्थान के चूरू जिले की सरदारशहर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत लेकर आए हैं। इस उपचुनाव में अशोक गहलोत का जादू फिर से चलता हुआ दिखाई दिया। कांग्रेस के अनिल शर्मा त्रिकोणीय मुकाबले में सरदारशहर के अब नए ‘सरदार’ बन गए हैं। शर्मा ने बीजेपी और आरएलपी के प्रतिद्वंदियों को शिकस्त देकर उपचुनाव में 26,852 मतों से जीत दर्ज की है।
बता दें मतगणना के पहले राउंड से कांग्रेस ने बढ़त बनाए रखी जो अंतिम राउंड तक जारी रही। काउंटिंग आगे बढ़ने के साथ की जीत का अंतर भी आगे बढ़ता गया। कांग्रेस विधाक के निधन के बाद उनके बेटे के पक्ष में सहानुभूति बरकरार रही।
अनिल कुमार शर्मा को कुल 91357 मत मिले
चुनाव आयोग ने सरदारशहर उपचुनाव का परिणाम घोषित कर दिया गया है। यहां कांग्रेस के अनिल शर्मा ने अपने निकटतम प्रद्विद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी को 26852 मतों के भारी अंतर से हराया है। कांग्रेस के अनिल कुमार शर्मा को कुल 91357 मत मिले हैं। उनके प्रतिद्वंदी बीजेपी के अशोक पींचा को 64505 मत मिले हैं। तीसरे स्थान पर रहे आरएलपी प्रत्याशी लालचंद मूंड को 46753 मत मिले हैं। कुछ देर में निर्वाचन अधिकारी अनिल शर्मा को जीत का प्रमाण पत्र सौंपेंगे।
आपको बता दें कि सरदारशहर सीट विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद खाली हुई थी जहां 5 दिसम्बर को 295 मतदान केन्द्रों पर 72.09 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस सीट पर कांग्रेस के अनिल शर्मा, बीजेपी के अशोक पींचा और आरएलपी के लालचंद मूंड के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है।
शर्मा ने जीत का श्रेय सीएम गहलोत को दिया
वहीं जीत के बाद अनिल शर्मा ने कहा कि अशोक गहलोत का चुनाव में काफी योगदान रहा उन्होंने 2 बार यहां आकर रैली की। शर्मा ने कहा जनता ने गहलोत सरकार की योजना और काम पर वोट दिया है। वहीं अपने पिता दिवंगत भंवरलाल शर्मा को याद करते हुए अनिल शर्मा ने कहा कि मैं अपने पिता के नक्शे कदम पर चलूंगा और उनके सिद्धांतों पर ही काम करूंगा।
डोटासरा बोले- यह जीत गहलोत सरकार की गुड गवर्नेंस का नतीजा
वहीं सरदारशहर उपचुनाव पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हमने पहले ही कहा था ऐतिहासिक जीत होगी, BJPकेवल झूठ बोलने का काम कर रही है और राजस्थान में बीजेपी 13 जगह बिखरी पड़ी है, बीजेपी के नेता आपस में लड़ रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि जो उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ना चाहता था उसे टिकट देकर हरा दिया गया। डोटासरा ने कहा कि 2023 से पहले यह बीजेपी के सामने नमूना है जो गहलोत सरकार की गुड गवर्नेंस का नतीजा है।
भाजपा की हार की वजह
राजस्थान की राजनीति से जुड़े हुए विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की हार की वजह राजस्थान बीजेपी में गुटबाजी है। वसुंधरा राजे ने स्टार प्रचारक होने के वावजूद चुनाव से दूरी बनाए रखी। वसुंधरा समर्थकों ने भी प्रचार से दूर बनाए रखी। बीजेपी ने वसुंराजे को स्टार प्रचारक बनाया था, लेकिन पूर्व सीएम प्रचार करने नहीं गई। बीजेपी प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ही प्रचार की कमान संभाले रखी। बड़े नेताओं की गुटबाजी के कारण बीजेपी प्रत्याशी अशोक कु्मार पिंचा को हार का सामना करना पड़ा। एक बार तो बीजेपी प्रत्याशी तीसरे नंबर पर खिसक गया था। लेकिन अंतिम समय में बीजेपी प्रत्याशी ने आरएलपी पर बढ़त बना ली।
हाल जी जयपुर में हुई रैली में खुलकर सामने आयी थी गुटबाजी
आपको बता दें हाल ही में जयपुर में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के जयपुर में आयोजित जन आक्रोश रैली में बीजेपी की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई थी। जेपी नड्डा के कार्यक्रम में कुर्सियां खाली रही थी। राजस्थान बीजेपी नेताओं की आपस में टांग खिंचाई की वजह से पार्टी को नुकसान हो रहा है। राजस्थान की राजनीति में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे कैंप के बीच सियासी खींचतान जगजाहिर है।