Roop Kanwar Sati Case : राजस्थान के सीकर जिले में स्थित दिवराला में हुए 37 साल पुराने रूप कंवर सती केस में फैसला आ गया है। विशिष्ट न्यायायालय सती निवारण जयपुर द्वितीय फैसला सुनाते हुए सती प्रथा के महिला मंडल के सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया है।
जयपुर की रहने वाली रूप कंवर की माल सिंह शेखावत के साथ शादी हुई थी। शादी के 8 महीने बाद माल सिंह की मौत हो गई थी। तब रूप कंवर 18 साल की थी। माल सिंह की मौत के अगले ही दिन रूप कंवर को कथित तौर पर पति की चिता पर जबरन बैठाकर सती कर दिया गया था।
4 सितंबर 1987 को हुई इस घटना ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया था। मामले की जांच में पता चला कि रूप कंवर अपनी इच्छा से सती नहीं हुई थी। जबकि पहले यह कहा गया था कि रूप कंवर ने खुद सती होने की इच्छा जताई थी। रूप कंवर का ससुर सुमेर सिंह मामले का मुख्य आरोपी था।
Samadhisthal at Deorala, Rajasthan- where an 18 year old Rajaput wife Roop Kanwar willingly immolated herself on funeral pyre of her husband Maal Singh Shekhawat in 1987.
---विज्ञापन---This caused national outrage & forced Rajasthan Govt to bring The Commission of Sati (Prevention) Act, 1987. https://t.co/15LMh8fd3q pic.twitter.com/fGC9cZdI7V
— Pagan-Wing (@Times4India) August 20, 2023
सोलह श्रृंगार कराकर कर दिया गया था सती
जानकारी के अनुसार जब माल सिंह की मौत हुई तब रूप कंवर अपने मायके में थी। माल सिंह बीएससी की पड़ाई कर रहा था और वह बहुत बीमार था। तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो रूप कंवर उसके पास गई थी। 2 दिन बाद माल सिंह की जान चली गई थी। शव को दिवराला ले जाया गया।
यहां अफवाह फैलाई गई कि रूप कंवर सती होना चाहती है। उसके सती होने का बखान भी किया जाने लगा। आखिरकार उसके हाथों में नारियल थमा कर और उसका सोलह श्रृंगार करके माल सिंह शेखावत की चिता पर बैठा दिया गया। पति के शव के साथ रूप कंवर जिंदा जल गई थी।
यह मामला इतना उठा था कि खास तौर पर इसी के लिए जयपुर में विशेष सती निवारण अदालत का गठन किया गया था। इससे पहले 31 जनवरी 2004 को अदालत ने 11 आरोपियों को बरी किया था। अभियोजन पक्ष सती प्रथा का महिमा मंडन करने में इन लोगों की भूमिका साबित नहीं कर पाया था।