Rajasthan News: नागौर जिले के ग्राम भवाद निवासी बीरमाराम 15-20 साल से पत्थर तराशने का कार्य करते थे। काफी वर्षों तक कार्य करने की वजह से उन्हें दमा की समस्या हो गई। उन्होंने कई चिकित्सकों से अपना इलाज करवाया जिसके कारण इनका बहुत पैसा इलाज में खर्च हो गया परन्तु इनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ।
इलाज के लिए बेच दी 8 बीघा जमीन
इलाज में लगातार पैसे खर्च होने के कारण इन्हें अपनी 8 बीघा कृषि जमीन भी बेचनी पड़ी। साथ काम करने वालों में से किसी ने उन्हें सिलिकोसिस पीड़ितों के देखभाल के बारे में समाचार पत्र में प्रकाशित लेख के बारे में बताया। बीरमाराम को टी.बी. की बीमारी होने का संदेह था।
किसी ने उन्हें जिला टी.बी.अस्पताल नागौर जाकर जांच करवाने का सुझाव दिया। उन्होंने वहां जाकर अपने स्वास्थ्य की जांच करवाई। चिकित्सकों द्वारा की गयी जांच में बीरमाराम को पता चला कि उन्हें सिलिकोसिस बीमारी है।
एक सप्ताह के भीतर मिली 3 लाख की राशि
जिला प्रशासन नागौर द्वारा चलाये गये अभियान सिलिकोसिस केयर व राज्य सरकार द्वारा सिलिकोसिस पीड़ितों के सहायतार्थ योजना में बीरमाराम को एक सप्ताह के भीतर ही इनके बैंक खाते में 3 लाख रुपये की सहायता राशि हस्तांतरित कर दी गई।
उन्हें इस अभियान के माध्यम से अपने हक का पूरा पैसा प्राप्त हुआ व अन्य सभी सरकारी योजनाओं से भी लाभान्वित हुआ। साथ ही इस राशि से उन्होंने अपनी बेची हुई जमीन भी वापस खरीद ली। साथ ही अब परसाराम ने खनन कार्य छोड़कर सरकार द्वारा मिली सहायता राशि से अपने गांव में एक किराणा दुकान खोल ली व उससे अपना जीविकोपार्जन कर रहें हैं।