Rajasthan News: सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि मामले में दायर याचिका में समन जारी करने को लेकर दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह याचिका केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दायर की थी। कोर्ट अब 24 जून को इन मामले में फैसला सुनाएगी। बता दें कि सीएम गहलोत ने जोधपुर के एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार पर संजीवनी घोटाले में आरोपी होने का आरोप लगाया था। सीएम के इसी बयान पर केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का मामला दायर किया था।
कोर्ट के फैसले से तय होगा समन जारी होगा या नहीं
बता दें कि संजीवनी मामले में सीएम ने जोधपुर के एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार को इस मामले में आरोपी बताया था। उनके इसी बयान पर केंद्रीय मंत्री ने केस दायर किया था। कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई में दिल्ली पुलिस को मामले की जांच का आदेश दिया था। मामले में दिल्ली पुलिस ने सीएम को फिलहाल कोई समन जारी नहीं किया है। समन जारी होगा या नहीं यह कोर्ट के फैसले से तय होगा।
सीएम ने की थी मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की अपील
केंद्रीय मंत्री के मामला दर्ज करवाने के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि पूरा घोटाला कागजों पर है। गजेंद्र सिंह के मानहानि केस का स्वागत है। कम से कम इस बहाने केस तो आगे बढ़ेगा। उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा था कि उन्हें गजेंद्र सिंह को अपने मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए। सीएम गहलोत अनेक मौकों पर यह कहते रहे हैं कि मान लिया आप घोटाले में शामिल नहीं है। लेकिन आप उन लोगों को पैसा वापस दिलवाने में मदद कीजिए। जिसका पैसा संजीवनी सोसायटी डकार गई।
जानें क्या है संजीवनी घोटाला
साल 2008 में राजस्थान सोसायटी एक्ट के तहत संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी का पंजीयन हुआ। 2010 में यह सोसायटी स्टेट से मल्टी स्टेट सोसायटी बन गई जिसका लाइसेंस केंद्र ने दिया। शुरूआत में इस सोसाइटी की 237 शाखाएं खोली गईं। इनमें से राजस्थान में 211 एवं गुजरात में 26 शाखाएं हैं, देखते ही देखते कई ब्रांच खोल कर फर्जी कंपनियों को लोन बांटे गए। राजस्थान से करीब 1,46,991 निवेशकों से 950 करोड़ से अधिक की ठगी की गई।
सोसाइटी की लेखा पुस्तकों में 1100 करोड़ रुपये के ऋण दिखाए गए हैं इनमें अधिकतर बोगस ग्राहक हैं। ऐसे बोगस ऋणों की संख्या करीब 55 हजार है एवं औसत ऋण प्रति व्यक्ति करीब 2 लाख है। कुल ऋण करीब 1100 करोड़ रुपये का दर्शाया गया है। मामले में एसओजी की जांच के दौरान कई गिरफ्तारियां हुईं और जांच में हजारों खाते फर्जी साबित हुए। इस घोटाले के मास्टर माइंड और सोसाइटी के पहले मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है।
मामले में ऐसे आया केंद्रीय मंत्री का नाम
दरअसल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत संजीवनी घोटाले के मास्टर माइंड और मुख्य आरोपी विक्रम सिंह के नजदीकी बताए जाते हैं। शेखावत व विक्रम सिंह की इथोपिया की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर हैं। पीड़ितों का भी कहना है कि कंपनी में निवेश के समय केंद्रीय मंत्री शेखावत का नाम प्रमुखता ही से लिया गया था। विक्रम सिंह ने शेखावत और उनके साथ की फोटो और उनका शेयर में होल्ड आदि दिखा कर निवेश करवाया था और कहा था कि शेखावत उनका पैसा नहीं डूबने देंगे।