जयपुर: पिछले कई दिनों से राजस्थान में अफसरों और मंत्रियों में खींचतान चल रही है। गहलोत के कई करीबी मंत्री सार्वजनिक रूप से अधिकारीयों के खिलाफ नाराजगी जता चुके हैं। ताज़ा मामला पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा का है, जिन्होंने बीकानेर में एक मीटिंग के दौरान कलेक्टर को एक कार्यक्रम से बाहर जाने के लिए कह दिया। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।
बता दें पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ राजस्थान आईएएस एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है। इसके बाद आशंका जताई जा रही है कि ये मामला अब राजस्थान के सियासी पारे में फिर से वृद्धि करने वाला है।
बीकानेर की एक मीटिंग में हुआ ये विवाद
दरअसल, मंत्री मीणा राजीविका योजना के तहत लाभ ले रही महिलाओं से संवाद कर रहे थे। रविंद्र रंगमंच पर करीब 200 महिलाएं आई हुई थीं। मंत्री सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हुए महिलाओं से पूछ भी रहे थे कि वो क्या काम कर रही हैं। अब तक उन्हें क्या लाभ हुआ है। मीणा ने बहुत कुछ ब्यूरोक्रेसी पर कहा, लेकिन कलेक्टर ने एक शब्द भी नहीं बोला। वो उठे और हॉल से बाहर निकल गए। ये विवाद होने के बाद भी कलेक्टर की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
एसोसिएशन ने मुख्य सचिव को दिया ज्ञापन
इस घटना के बाद राजस्थान आईएएस एसोसिएशन ने आज के इस वाकये की कड़े शब्दों में निंदा करते मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को ज्ञापन दिया। आईएएस एसोसिएशन उपाध्यक्ष कुंजीलाल मीणा, सचिव समित शर्मा के साथ ही करीब 25 आईएएस ने मुख्य सचिव से मुलाकात की। मंत्री रमेश मीणा के व्यवहार को लेकर की शिकायत की।
पहले भी मंत्रियों के निशाने पर रहे अधिकारी
वहीं आपको बता दें इससे पहले भी राजस्थान के कई मंत्री अधिकारीयों से नाराजगी जता चुके हैं। हाल ही में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ब्यूरोक्रेसी को निशाने पर लिया था। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासर ने आज एक कार्यक्रम में अफसरों को निशाने पर ले लिया। डोटासरा ने कहा कि नौकरशाही की जवाबदेही होनी चाहिए। इससे कुछ दिन पहले खेल मंत्री अशोक चांदना ने ट्वीट करके अधिकारीयों को खरी-खोटी सुनाते हुए सीएम गहलोत से कार्रवाई की मांग की थी।