Rajasthan Hindi News: कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर पर पिछले 6 दिनों से चल रहा आंदोलन वन मंत्री हेमाराम चौधरी से वार्ता के बाद वापस ले लिया गया। बता दें कि प्रदेश के वन विभाग के कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन कर रहे थे।
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6 दिनों तक बंद रहे उद्यान
कर्मचारियों के आंदोलन के चलते पिछले 6 दिनों से राजस्थान के सभी पार्क आम लोगों के लिए बंद थे। राजस्थान के कोटा, अजमेर, जोधपुर सहित कई पार्कों में शनिवार को अवकाश के चलते नेशनल पार्कों और बायोलाॅजिकल उद्यानों के बाहर लोगों की भारी भीड़ जुटी थी। लेकिन वनकर्मियों की हड़ताल के चलते उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
सभी प्रकार की गतिविधियां रही ठप
हड़ताल के कारण ट्रैकिंग, माॅनिटरिंग, सर्विलांस, रेस्क्यू समेत कई गतिविधियां ठप रही। जिसके कारण वन्य जीव भी जंगल से बाहर आने लगे। सयुंक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार को मांगे मानने के लिए दो माह का समय दिया है। दो माह में मांगे पूरी नहीं होती है तो आंदोलन फिर शुरू किया जाएगा।
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ये थी प्रमुख मांगें
वनकर्मियों को समकक्षों पदों (पुलिस, पटवारी, ग्रामसेवक आदि) के समान वेतन दिलवाया जाए।
अवैध शिकार, अतिक्रमण, खनन, कटान, छंगान व हिंसक वन्यजीवों के रेस्क्यू करने वाले वनकर्मियों को विशेष भत्ता / हार्ड ड्यूटी ( मूल वेतन+ डी.ए) का 10 प्रतिशत दिलवाया जाए।
वन विभाग में कार्यरत प्रभारियों की ग्रेड-पे ए.सी.पी. 9-18-27 पर अन्य विभागों की तरह 27 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर 2800/3600 की जाए।
समकक्ष विभाग के कार्मिकों की भांति नगद वर्दी भत्ता राशि 7000/- रूपये वार्षिक दिलवाया जाए।
वनकर्मियों को 50/- रू० साईकिल भत्ते के स्थान पर 2000/- रू० प्रतिमाह पेट्रोल (ईचन) भत्ता दिलवाया जाए।
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