राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने मंगलवार को महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षान्त समारोह के दौरान बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को जलाने वाला तुर्क आक्रांता मोहम्मद बख्तियार खिलजी था। इसी तुर्क आक्रांता ने प्राचीन विश्वविद्यालय में आग लगाई है। राज्यपाल ने इस दौरान ऐसा बयान दे दिया जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद बख्तियार खिलजी हम हरामखेर कहें तो गलत हरकत नहीं होगी।
देश में शिक्षा पद्धति में बदलाव की आवश्यकता थी
राज्यपाल और कुलाधिपति हरिभाऊ बागड़े ने महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में कहा कि पूरे विश्व में ज्ञान परिदृश्य में तेजी से बदलाव आ रहा है, वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुसंधान के कारण पूरे विश्व में कुशल कामगारों की आवश्यकता एवं मांग बढ़ेगी। युवाओं को तार्किक एवं रचनात्मक ढंग से सोचना होगा तथा विभिन्न विषयों के अंतर्संबंधों एवं बदलती परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को तैयार करना होगा। राज्यपाल ने भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति एवं संस्कृति को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि आजादी के बाद देश में शिक्षा पद्धति में बदलाव की आवश्यकता थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
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भारतीय संस्कृति आज भी जीवित
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को मिटाने के हजारों प्रयास किए गए, लेकिन यह आज भी जीवित है। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने नालंदा विश्वविद्यालय को जलाने वाले तुर्क आक्रांता मोहम्मद बख्तियार खिलजी पर टिप्पणी की है। राज्यपाल ने कहा- उसे हम हरामखोर (मोहम्मद बख्तियार खिलजी) कहें तो गलत हरकत नहीं होगी।
विद्यार्थियों को दिया संदेश
उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि जीवन में कुछ अर्जित करना है तो पहले ज्ञान अर्जित करो, बाकी सब अपने आप मिल जाएगा। शिक्षा एक बीज है जो जीवन को निरंतर बेहतर बनाकर वट वृक्ष की तरह मजबूत बनाती है। डिग्रियां और मेडल महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जीवन में ऐसा कार्य करें जिसे समाज सदैव याद रखे।
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