Jaipur News: (केजे श्रीवत्सन, जयपुर) राजस्थान सरकार आने वाले विधानसभा सत्र में धर्मांतरण विरोधी बिल लाएगी। जिसमें 1 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। नाबालिग का जबरन धर्मांतरण कराने पर 3 से 10 साल की सजा का प्रावधान होगा। गुजरात, कर्नाटक, झारखंड जैसे राज्यों में बने कानून को मिलाकर इसके प्रावधान तैयार किए जा रहे हैं। लव जिहाद और धर्म बदलकर गलत फायदा उठाने वालों पर अब कार्रवाई होगी। उपचुनाव की आचार संहिता हटने के बाद शनिवार को राजस्थान सरकार की पहली कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक में बड़े फैसले लिए गए।
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धर्मांतरण विरोधी बिल को पास कर दिया गया है, बजट सत्र में बिल सदन में रखा जाएगा। अब लालच या धमकी देकर धर्म परिवर्तन करवाना अपराध होगा। अगर कोई शख्स लालच देकर एससी-एसटी और नाबालिग को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता है तो 10 साल की सजा मिलेगी। पहली बार जबरन धर्म परिवर्तन मामले में दोषी साबित होने पर 1-5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। मर्जी से धर्म परिवर्तन के लिए 2 महीने पहले कलेक्टर को सूचित करना होगा। यह प्रक्रिया सबके लिए जरूरी होगी।
लव जिहाद को भी परिभाषित किया गया है। अगर कोई शख्स धर्म परिवर्तन शादी के मकसद से करता है तो लव जिहाद माना जाएगा। इसके लिए भी कई प्रावधान तय किए गए हैं। राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राज्य में अवैध धर्मांतरण रोकने के संबंध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है। इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में विचार कर इसके प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया था।
कॉन्स्टेबल भर्ती के नियम बदले
राजस्थान सरकार ने RAC कॉन्स्टेबल भर्ती के नियमों में भी बदलाव किया है। बीकानेर और भरतपुर को विकास प्राधिकरण बनाने का फैसला लिया गया है। वहीं, 9 नीतियों को मंजूरी प्रदान की गई है। आरएसी कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए अब योग्यता 12वीं पास कर दी गई है। पहले 10वीं पास युवा आवेदन कर सकते थे। मेवाड़ भील कोर में भर्ती के लिए भी अब 12वीं कक्षा पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। कैबिनेट की बैठक में सिपाही भर्ती नियमों में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
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वहीं, राजस्थान पुलिस में भर्ती के लिए पहले ही आवेदक का 12वीं पास होना जरूरी था। लेकिन आरएसी और मेवाड़ भील कोर में छूट थी। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान की गई है। इसका कार्यकाल 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक रहेगा।