के जे श्रीवत्सन, जयपुर: राज्य की 200 सीटों पर वोटिंग और काउंटिंग के लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं और इसी के साथ चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान भी कर दिया है। प्रदेश में 23 नवंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को इसके नतीजे आएंगे। राज्य में निर्वाचन विभाग द्वारा मतदाता सूचियों के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का अन्तिम प्रकाशन किया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान 6 लाख 96 हजार 424 मतदाताओं की वृद्धि हुई है। अन्तिम प्रकाशन की तिथि तक राज्य में कुल 5 करोड़ 26 लाख 80 हजार 545 मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें से 2 करोड़ 73 लाख 58 हजार 627 पुरुष एवं 2 करोड़ 51 लाख 79 हजार 422 महिला वोटर्स सम्मिलित हैं।
इस संबंध में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर जानकारी दी गई तथा सभी दलों से बीएलए नियुक्त करने का आह्वान किया गया है, साथ ही सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों के द्वारा भी जिला स्तर पर इस विषय में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई।
1.27 फीसदी मतदाताओं की हुई बढ़ोतरी
इस पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान निर्धारित अवधि में मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए प्रारूप-6 में कुल 10 लाख 92 हजार 358 आवेदन पत्र एवं प्रारूप-7 में विलोपन के लिए 3 लाख 95 हजार 934 आवेदन पत्र स्वीकार हुए। इस क्रम में राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में कुल 6 लाख 96 हजार 424 मतदाताओं की वृद्धि हुई है, जो कि 1.27 प्रतिशत है। प्रकाशित मतदाता सूची में 80 वर्ष से अधिक आयु के कुल 11.78 लाख मतदाता, 100 वर्ष से अधिक आयु के कुल 17241 मतदाता पंजीकृत हैं। इसी प्रकार से कुल 5.61 लाख विशेष योग्यजन वोटर्स के रूप में पंजीकृत हैं।
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32 हजार से ज्यादा नवविवाहित महिलाओं का हुआ पंजीकरण
महिलाओं, ट्रांसजेंडरों, पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों) आदि वर्गों के पंजीकरण को बढ़ाने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन करके इन्हें वोटर लिस्ट में जोड़ा गया। इस क्रम में 20 सितम्बर 2023 को विशेष रूप से नवविवाहित महिलाओं के पंजीकरण हेतु सभी जिलों में विशेष शिविर आयोजित किए गए, जिसके अन्तर्गत कुल 32 हजार 247 नवविवाहित महिलाओं का पंजीकरण किया गया। अंतिम प्रकाशन की तिथि को राज्य में कुल 606 ट्रांसजेंडर मतदाता एवं 77 हजार 343 पीवीटीजी मतदाता पंजीकृत है।
मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ाई गई
उन्होंने बताया कि मतदान केन्द्रों के पुनर्गठन एवं सुव्यवस्थिकरण प्रक्रिया में भारत निर्वाचन आयोग से अनुमोदन प्राप्त होने के बाद प्रदेश में 601 मतदान केन्द्रों का नवसृजन एवं 32 मतदान केन्द्रों का समायोजन किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 569 मतदान केन्द्रों की वृद्धि हुई है। पुनर्गठन उपरान्त राज्य में मतदान केन्द्रों की संख्या 51 हजार 187 से बढ़कर 51 हजार 756 हो गई है। वहीं, जीर्ण-शीर्ण होने एवं AMF सुविधाओं के अभाव वाले 427 मतदान केन्द्रों का भवन परिवर्तन किया गया है।
गौरतलब है कि 2018 के आम विधानसभा चुनावों में प्रदेश में 4 करोड़ 77 लाख 89 हजार मतदाता थे, इनमें 2 करोड़ 49 लाख 61 हजार महिलाएं और 2 करोड़ 28 लाख 27 हजार महिला मतदाता थे।
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