जयपुर: राजस्थान में हाल ही में चुनी गई 16वीं विधानसभा का पहला सेशन खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। वजह मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते दो विधायकों जुबैर खान और यूनुस खान का शपथग्रहण है। इन दोनों विधायकों ने संस्कृत में शपथ ग्रहण की है। हालांकि इस भाषा में शपथ लेने वाले सिर्फ ये ही विधायक नहीं हैं। दूसरी ओर यह बात भी उल्लेखनीय है कि इनमें से एक विधायक तो करणी माता के दर्शन भी करने गए थे।
निर्दलीय विधायक यूनुस खान ने संस्कृत में ली शपथ
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— News24 (@news24tvchannel) December 20, 2023
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डिलीट कर दिया गया रविंद्र सिंह भाटी का वीडियो
सबसे पहले तो यह साफ कर देना जरूरी है कि शपथ ग्रहण के लिए संविधान की आठवीं सूची में शामिल भाषाओं को ही मान्यता है। इसका असर बुधवार को राजस्थान विधानसभा में भी देखने को मिला। हुआ यूं कि बाड़मेर के शियो (शिव) विधानसभा क्षेत्र से चुनकर आए निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने हिंदी और राजस्थानी दो भाषाओं में शपथ ग्रहण की। हालांकि बाद भाटी के राजस्थानी भाषा वाली शपथ के वीडियो काे डिलीट कर दिया गया, क्योंकि शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने विधायकों को ऐसा करने से रोक दिया।
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किन-किन विधायकों ने ली संस्कृत में शपथ?
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जयपुर सिविल लाइंस से विधायक गोपाल शर्मा के अलावा उदयलाल भड़ाना, कैलाशचंद्र मीणा, जोगेश्वर गर्ग, छगन सिंह राजपुरोहित, नोक्षम चौधरी, जेठानंद व्यास, जोराराम कुमावत, अलवर की रामगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक जुबैर खान और डीडवाना के निर्दलीय विधायक यूनुस खान समेत बहुत से नेताओं ने शपथ ग्रहण के लिए संस्कृत भाषा का चयन किया। इनमें से जुबैर खान और युनूस खान दोनों विधायक ज्यादा चर्चा में हैं, क्योंकि सामान्यतया ऐसा बहुत ही देखने को मिलता है।
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कौन हैं संस्कृत में शपथ लेने वाले सबसे ज्यादा चर्चित विधायक?
गौरतलब है कि जुबैर खान ने 93765 वोट लेकर भाजपा उम्मीदवार सुखवंत सिंह को 19696 के अंतर से हराते हुए जीत दर्ज की थी। अब विधानसभा में संस्कृत में शपथ लेकर उन्होंने हर किसी चौंका दिया। इसी के साथ संस्कृत में शपथ लेने वाले दूसरे मुस्लिम विधायक यूनुस खान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबियों में से हैं। हालिया विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह पार्टी छोड़कर निर्दलीय ही मैदान में उतर गए और कांग्रेस उम्मीदवार चेतन सिंह चौधरी को 2 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर हराकर विधानसभा पहुंचे हैं। यहां खास बात यह रही कि भाजपा के प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर सब्र करना पड़ा। उधर, अब संस्कृत में शपथ लेने से पहले युनूस खान का वह वाकया भी लोग याद करते हुए उनकी तारीफ कर रहे हैं, जब चुनाव जीतने के तुरंत बाद वह करणी माता के दर्शन देशनोक पहुंचे थे।