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पिता जेल में हों तो शादी की बात शोभा नहीं देती, शेरनी की तरह लड़ूंगी, दिव्या मदेरणा का जोधपुर में जोरदार भाषण

Osian MLA Divya Maderna answered Hanuman Beniwal Why she has not married: नामांकन के बाद चुनाव प्रचार भाषण की शुरुआत में जोधपुर जिले की ओसियां सीट की कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरण ने शादी को लेकर अपने ऊपर तंज कसने वाले नेताओं को करारा जवाब दिया है।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Nov 7, 2023 22:55
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जोधपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव में ओसियां हलके से दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस की मौजूदा विधायक दिव्या मदेरणा दो दिन से खासी सुर्खियों में हैं। उन्होंने बीते दिन अब तक शादी नहीं करने को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने अपने ऊपर तंज कसने वाले विपक्षी नेताओं (नागौर के भाजपा सांसद हनुमान बेनीवाल भी शामिल हैं) को करारा जवाब देते हुए कहा कि जिसकी भाग्यरेखा में जेल की लकीरें खिंची हों, जिसका पिता सलाखों के पीछे करवटें बदल-बदलकर दिन-रात परेशान हुआ हो, वह बेटी शादी की बात करती अच्छी नहीं लगती। इतना ही नहीं, दिव्या ने बीते दिन नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले जेल जाकर अपने पिता के संघर्ष को भी याद किया।

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ध्यान रहे, दिव्या मदेरणा के पिता महिपाल मदेरणा राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड में 10 साल तक जोधपुर सेंट्रल जेल में रहे हैं। आज अपने भाषण की शुरुआत जिले की ओसियां विधानसभा सीट की कांग्रेस प्रत्याशी दिव्या मदेरणा ने उसी मुद्दे से की। अपने ही तेज-तर्रार अंदाज में दिव्या ने विपक्षी दल के नेताओं पर निशाना चाहते हुए कहा कि वे लोग उनकी शादी को लेकर मजाक बना रहे हैं। कह रहे हैं कि खाना वे ही कर देंगे। दिव्या ने कहा कि उनकी किस्मत में शादी है ही नहीं है, लेकिन वे पूछना चाहती हैं कि क्या ये नेता अपनी बेटियों के लिए भी इसी तरह के तुच्छ सोच रखते हैं।

बोलीं- भाग्य की लकीरों में सेंट्रल जेल

दरअसल नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल अक्सर अपने भाषण में दिव्या मदेरणा की शादी को लेकर व्यंग्य करते रहते हैं। आज उसी पर पलटवार करते हुए दिव्या मदेरणा ने कहा कि सोचकर देखो यदि आप जेल में हों और आपकी बेटी बाहर शादी मना रही हो तो? मेरे पिता बरसों जेल में रहे। उनकी सेवा मेरे लिए पहला धर्म है। मेरे पिता जेल में दर्द और विरह के साथ कैसे करवट बदलते होंगे, उनकी रातें कैसे बीतती होंगी? ऐसे में उस बेटी को बाहर शादी करना शोभा नहीं देता है। मेरे भाग्य की लकीरों में सेंट्रल जेल लिखी थी, जिसके 10 साल मैंने फेरे किए हैं। वह मेरा कर्तव्य था। मुझे चुनौती वाले देने वाले अपने गिरेबान में झांककर देखें।

शेरनी की तरह दहाड़ते हुए विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा, ‘मैं शेरनी की तरह चुनाव लडूंगी। राजनीति के किसान सूरमाओं की बेटी हूं। महिपाल मदेरणा की बेटी हूं। शेरों की बेटी शेरनिया ही होगी। शेरनी बहादुरी का प्रतीक होता है। हमारे राष्ट्रीय स्तंभ अशोक चक्र में भी 4 शेर है, क्या अशोक स्तंभ के वह चार शेर जो साहस, शक्ति स्वरूप आत्मविश्वास और गर्व का प्रतीक हैं, क्या आप उनके लिए भी ऐसी ही राय रखते हैं? उन्हें भी जंगल में भेजना चाहेंगे? जो हमारा राष्ट्रीय प्रतीक है’।

शायरी से किया अपना अंदाज बयां

दिव्या ने अपनी बात एक शेर के जरिये रखते हुए कहा, ‘एक शेरनी लड़े ओसिया री लड़ाई, रे चलो आप अभी वीरे साथे’। विरोधियों पर हमलावर हुईं दिव्या ने कहा कि वे कहते हैं-शेरनी भूखी है। शेरनी प्यासी है। शेरनी को जंगल में भेजो। शेरनी तो शेर के साथ ही रहती है। अपनी बेटियों के लिए भी यही बोलते हैं क्या? मैं दुखी हूं-ना प्यासी हूं। मैं पैदाइशी तृप्त हूं। कोई तृष्णा नहीं है। इसी तृप्ति के कारण मैंने ओसियां में यहां भ्रष्टाचार नहीं होने दिया।

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Written By

Balraj Singh

First published on: Nov 07, 2023 10:54 PM
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