के जे श्रीवत्सन, संवाददाता
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में चुनावी रण में महिलाओं से जुड़े वादें है इरादे हैं, लेकिन उन्ही महिलाओं को विधानसभा तक पहुंचाने में सभी दल किस कदर कंजूसी बरत रहे हैं, दोनों ही पार्टियों के टिकट वितरण के आंकड़े इस हकीकत को बयान कर रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रदेश की जनता और महिलाएं किस पार्टी के वादों पर विश्वास करती है और किस पार्टी को अपना समर्थन देकर सत्ता की चाबी सौंपती है।
कौन सी हैं कांग्रेस की सात गारंटियां
बीजेपी के संकल्प पत्र से पहले राजस्थान चुनाव में कांग्रेस की तरफ से गारंटियों का ऐलान कर दिया गया था। महिला वोटर्स को अपनी तरफ करने के लिए खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रचार के मैदान में उतरी हुई हैं। और प्रियंका ने कांग्रेस की सात गारंटियों में से महिलाओं पर फोकस कर दो गारंटियों का ऐलान खुद किया। कांग्रेस ने किसान और युवाओं पर तो फोकस किया ही, लेकिन कांग्रेस की हर गारंटी में महिलाओं की भलाई और महिलाओं के लिए विकास का दावा शामिल नजर आता है। राजस्थान में कांग्रेस ने जिन सात गारंटियों का ऐलान किया है उनमें शामिल हैं।
1. गौधन गारंटी –
इस योजना के तहत हर पशुपालक से 2 रुपए किलो में गोबर खरीदी जाएगी
2. फ्री लैपटॉप टेबलेट गारंटी –
उच्च शिक्षा के लिए कांग्रेस ने हर स्टूडेंट को फ्री लैपटॉप और टैबलेट देने की गारंटी दी है
वादे के मुताबिक कोई भी स्टुडेंट अगर कॉलेज में एडमिशन लेता है तो पहले साल उसे लैपटॉप या टैबलेट मुफ्त में दिया जाएगा ताकि वे आसानी से पढाई कर सके।
3. प्राकृतिक आपदा राहत गारंटी –
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में हर परिवार के लिए 15 लाख रुपए तक का मुफ्त बीमा किया जाएगा।
4. अंग्रेजी मीडियम शिक्षा गारंटी –
कांग्रेस का वादा है कि अगर प्रदेश में सरकार रिपीट हुई तो हर विद्यार्थी को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा की गारंटी दी जाएगी।
5. ओपीएस गारंटी –
राजस्थान में कांग्रेस सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर चुकी है अब इसे एक्ट बनाने की गारंटी दी गई है।
यानी अगर सरकार रिपीट हुई तो राज्य कर्मचारियों को गारंटी से ओपीएस दिया जाएगा। इसकी शुरुआत पहले बजट से देने की गारंटी दी गई है।
6. 500 रुपये में सिलेंडर –
अशोक गहलोत ने ऐलान किया कि सरकार बनते ही राज्य के 1.05 करोड़ परिवारों को 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर दिया जाएगा।
7. गृह लक्ष्मी गारंटी –
परिवार की हर महिला मुखिया को दो से तीन किश्तों में सालाना 10 हजार रुपये दिये जाएंगे।
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भाजपा भी मोदी गारंटी लेकर चुनावी मैदान में
दरअसल कांग्रेस की सात गारंटियों के बाद भाजपा भी मोदी गारंटी लेकर चुनावी मैदान में आ गई है… महिलाओं से जुड़े वादों में एक दूसरे से आगे निकलने का प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे है। इसलिए महिलाओं के लिए योजनाओं घोषणा करने की होड़ लगी हुई है। हालांकि ये बात अलग है की जब महिलाओं को टिकट देने की बारी आई तो बीजेपी ने राजस्थान में 200 सीटों में से महज 20 महिलाओं प्रत्याशियों को टिकट दिया। वहीँ कांग्रेस ने 28 महिलाओ को राजस्थान के रण में उतारा है।
राजस्थान का बड़ा महिला वोट बैंक
राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस के कैंपेन और योजनाओं के केंद्र में इस बार महिलाएं ही हैं। इधर भारतीय जनता पार्टी ने भी संसद से महिला आरक्षण बिल पास करके और सांसद दीया कुमारी और वसुंधरा राजे को विधानसभा चुनावों में उतार कर महिलाओं को बड़ा मैसेज देने की कोशिश की है और इसके पीछे बड़ी वजह है राजस्थान का बड़ा महिला वोट बैंक। प्रदेश में 60 से लेकर 99 आयु वर्ग के मतदाताओं में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं आगे हैं यानि जैसे-जैसे आयु वर्ग बढ़ता है वैसे-वैसे महिला मतदाताओं की संख्या भी बढ़ती जाती है। सबसे बड़ा फर्क 90 से 99 आयु वर्ग में देखने को मिल रहा है। इस आयु वर्ग में महिला वोटरों की संख्या पुरुषों के मुकाबले करीब 3 गुना है। राजस्थान में महिलाओं की ताकत को कांग्रेस और बीजेपी दोनों भलीभांति समझती है। यही वजह है कि जैसे ही कांग्रेस की जुबान से महिलाओं के लिए गारंटियों का ऐलान हुआ।
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देखना दिलचस्प होगा, किसे मिलेगा जनादेश
राजस्थान में कांग्रेस भी अच्छी तरह जानती है की महिला अत्याचारों और दुष्कर्म के आंकड़े उसके अनुकूल नहीं है। ऐसे में आधी आबादी को लुभाने के लिए करीब 2 साल पहले से ही अशोक गहलोत ने 500 रुपये में गैस सिलेंडर, राशन की दुकानों से अन्नपूर्णना फूड किट में आटा, दाल, मसाले, घी और तेल जैसी चीजें देने के साथ ही घर की महिला मुखिया को 3 साल के फ्री इंटरनेट वाला 5 जी स्मार्ट फोन नि:शुल्क देने जैसी योजनाओं और घोषणाओं की झड़ी लगा दी थी।
अब कांग्रेस के मेनिफेस्टों आने से पहले ही पार्टी महंगाई राहत के साथ गृहलक्ष्मी योजना के तहत 10 गजर रुपये सालाना उनके खातें में रकम डालने का भी वादा कर दिया। यही नहीं सत्ता में रहने के दौरान इन योजनाओं में करीब 1.90 करोड़ महिलाओं का पंजीकरण भी उसका दावा है। महिलाओं के लिए वादों की झड़ी में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश की आधी आबादी 2023 में किस पार्टी को जनादेश देती है। और किन पर अपना भरोसा जताती है।