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राजस्थान विधानसभा में ‘बुरी आत्माएं’! विधायक की मौत के बाद इस बार भी जारी रहेगा मिथक

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान की विधानसभा को लेकर वर्षों पुराना मिथक इस बार भी बरकरार रहेगा। 25 नवंबर को प्रदेश की 199 विधानसभा सीटों पर ही चुनाव होंगे।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Nov 15, 2023 13:35
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Rajasthan Assembly Election 2023
Rajasthan Assembly Election 2023

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में 25 नवंबर को मतदाता नई सरकार बनाने के लिए मतदान करेंगे। वहीं 3 दिसंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं, लेकिन एक मिथक है जो इस बार भी कायम रहेगा। वह मिथक है कि एक बार भी यहां 200 सदस्य साथ नहीं बैठे हैं। इस बार भी श्रीगंगानगर की श्रीकरणपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन हो गया है। ऐसे में अब प्रदेश में 200 नहीं बल्कि 199 सीटों के मतदान होगा क्योंकि प्रदेश में नामांकन दाखिल करने से लेकर नाम वापसी तक की सारी प्रकिया पूरी हो चुकी है।

बता दें कि नई विधानसभा का निर्माण 2001 में हुआ था। उसके बाद से लेकर अब तक 2003, 2008, 2013 और 2018 तक चार विधानसभा का गठन हो चुका है। यह हकीकत है कि एक बार भी यहां 200 सदस्य साथ नहीं बैठे हैं। 2013 में भी चुरु से बसपा प्रत्याशी की मौत के बाद 199 सीटों पर ही चुनाव हुए थे। इसको लेकर विधानसभा में कई बार चर्चा भी हो चुकी है। इस दौरान सत्ता और विपक्ष दोनों ने स्वीकारा कि विधानसभा में बुरी आत्माएं रहती हैं। यही कारण है कभी यहां 200 विधायक साथ नहीं बैठे।

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2001 में हुआ नये विधानसभा भवन का निर्माण

विधानसभा भवन का निर्माण 2001 में पूरा हुआ। नई विधानसभा 17 एकड़ में बनी है। इसमें भरतपुर के बंसीपहाड़पुर गांव के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। देखने में नया विधानसभा भवन किसी महल से कम नजर नहीं आता। यहां सुंदर महराबे, बारीक नक्काशी की हुई जालियां और सुसज्जित खंभे इसकी खुबसूरती में चार चांद लगाते हैं। इसके अलावा विधानपरिषद् की भी अलग से व्यवस्था की गई है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि विधानसभा भवन का निर्माण श्मशान की भूमि पर हुआ है। अभी भी विधानसभा से सटा लाल कोठी श्मशान घाट भी है। यहां आसपास के लोगों के अलावा कई वीवीआईपी शवों का अंतिम संस्कार होता है।

जानें कब-कब क्या हुआ?

  • 11वीं विधानसभा में फरवरी 2001 में नए विधानसभा भवन में शिफ्ट कर दिया गया। 25 फरवरी को तत्कालीन प्रेसिडेंट आर नारायणन को इसका उद्घाटन करने आना था लेकिन वे बीमार थे इसलिए नहीं आ सके। जब से विधानसभा में कामकाज शुरू हुआ तब से अब तक 11 विधायकों की मौत हो चुकी है।
  • फरवरी 2002 में अजमेर पश्चिम विधायक किशन मोटवानी की मृत्यु हो गई इसके बाद उपचुनाव हुए।
  • दिसंबर 2002 में बानसूर विधायक जगत सिंह की मृत्यु के बाद और सागवाड़ा विधायक भीखाभाई की मृत्यु के बाद उपचुनाव हुआ।
  • जनवरी 2005 में लूणी विधायक रामसिंह की मृत्यु के बाद उपचुनाव हुआ।
  • मई 2006 में डीग विधायक अरुण सिंह की मृत्यु के बाद उपचुनाव हुआ।
  • दिसंबर 2006 में डूंगरपुर विधायक नाथूराम की मौत की वजह से उपचुनाव हुआ।
  • 2011 में अशोक गहलोत सरकार के केबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान सिंह को जेल जाना पड़ा। वहीं एक एनकाउंटर के मामले में भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ को भी जेल जाना पड़ा था।
  • साल 2013 में मंत्री बाबूलाल नागर को जेल जाना पड़ा था।
  • वर्ष 2017 में बसपा विधायक बीएल कुशवाहा को भी जेल जाना पड़ा था।
  • सितंबर 2017 में भाजपा विधायक कीर्ति कुमारी की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई थी।
  • 21 फरवरी 2018 को भाजपा विधायक कल्याण सिंह का निधन हो गया।
  • इसके बाद 2020 में कोरोना के कारण भाजपा से किरण माहेश्वरी, कांग्रेस के कैलाश त्रिवेदी, मास्टर भंवरलाल मेघवाल और गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो चुका है।

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Written By

Rakesh Choudhary

First published on: Nov 15, 2023 12:25 PM

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